मथुरा: श्री कृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं द्वारा 25 सितंबर को मथुरा न्यायालय के सिविल जज कोर्ट में याचिका डाली गई थी. याचिका की सुनवाई 30 सितंबर को की जाएगी. श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही ईदगाह कमेटी को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया है. अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा है कि जन्मभूमि प्रकरण में समय आने पर हम भी पार्टी बनेंगे.
मस्जिद मुक्त मंदिर बनाया जाए
श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. जिसमें श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और डेढ़ एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता द्वारा 25 सितंबर को श्री कृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में याचिका डाली गई. जिसमें श्री कृष्ण सेवा संस्थान और शाही ईदगाह कमेटी को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया. अधिवक्ताओं द्वारा कोर्ट से मांग की गई है श्री कृष्ण जन्मस्थान को मस्जिद मुक्त मंदिर बनाया जाए.
21 फरवरी 1951 में श्री कृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट की हुई थी स्थापना
ब्रिटिश शासन काल में 1815 में नीलामी के दौरान बनारस के राजा पटनी मल ने इस जगह को खरीदा था. 1940 में पंडित मदन मोहन मालवीय जब मथुरा आए, तो श्रीकृष्ण जन्म स्थान की दुर्दशा को देखकर दुखित हुए और स्थानीय लोगों ने भी मदन मोहन मालवीय से कहा कि यहां भव्य मंदिर बनना चाहिए. मदन मोहन मालवीय ने मथुरा के उद्योगपति जुगल किशोर बिरला को जन्मभूमि पुनरुद्वार के लिए पत्र लिखा. 21 फरवरी 1951 में श्री कृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट की स्थापना की गई.