मथुरा:सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सभी धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों की आवाज को परिसर तक सीमित करने और बिना अनुमति के लगे लाउडस्पीकरों को अविलंब हटाने के आदेश का कान्हा नगरी मथुरा में पालन किया गया. यहां श्रीकृष्ण जन्मस्थान से लाउडस्पीकरों को उतार लिया गया तो वहीं, कुछ समय बाद मंदिर से लगे शाही ईदगाह मस्जिद से भी लाउडस्पीकर उतार लिए गए. वहीं, जब इस बाबत शाही ईदगाह मस्जिद के सचिव तनवीर अहमद से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कुछ लोग सियासी रोटियां सेकने को इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि कुछ राज्यों में चुनाव होने हैं, जिसको लेकर अब इस तरह की चीजें की जा रही हैं. खैर, कभी भी कोई धर्म यह नहीं सिखाता कि दूसरे धर्म को बुरा भला कहा जाए. उसके अनुयायियों का शोषण किया जाए. तनवीर ने कहा कि हमने लाउडस्पीकर उतारकर अपनी सद्भावना जाहिर की है. अज़ान, हनुमान चालीसा या फिर कीर्तन-भजन तो हिन्दुस्तान की आत्मा में हैं. ये तो यहां हमेशा होती रही है.
शाही ईदगाह मस्जिद के सचिव ने कही ये बड़ी बात:शाही ईदगाह मस्जिद के प्रबंधन कमेटी के सचिव व अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि हम हमेशा से ही सद्भावना के हिमायती रहे हैं. खैर, पहले भी जो शाही ईदगाह मस्जिद में लाउडस्पीकर लगे थे, वो मानक के अनुसार बहुत ही धीमी आवाज में केवल अज़ान के दौरान इस्तेमाल होते थे. लेकिन सरकारी आदेश के बाद हमने अपनी सद्भावना जाहिर करने को मस्जिद में लगे लाउडस्पीकरों को उतार लिए हैं. एक मात्र लाउडस्पीकर मस्जिद प्रांगण में लगा है, जिसकी आवाज बहुत धीमी है और इसे अज़ान के समय मात्र एक मिनट के लिए इस्तेमाल किया जाता है.