मथुरा:रिफाइनरी क्षेत्र स्थित स्वर्ण जयंती अस्पताल के डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारी अस्पताल प्रशासन द्वारा किए जा रहे व्यवहार से नाराज होकर कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठ गए. डॉक्टर, स्टाफ नर्स और कर्मचारियों का कहना है कि हॉस्पिटल को चलाने का ठेका कानपुर की एक मानव जन कल्याण समिति नामक संस्था को दे दिया है. जब से जन कल्याण समिति अस्पताल पर काबिज हुई है, तभी से उसने अस्पताल के डॉक्टर, कर्मचारियों का शोषण शुरू कर दिया है. आए दिन बिना किसी कारण के नौकरी से डॉक्टर और कर्मचारियों को निकाला जा रहा है.
धरने पर बैठे स्वर्ण जयंती अस्पताल के स्टाफ. 20 साल से कार्य कर रहे डॉक्टर, स्टाफ की छटनी रिफाइनरी प्रबंधन तंत्र द्वारा स्वर्ण जयंती सामुदायिक हॉस्पिटल को चलाने का ठेका कानपुर की मानव जन कल्याण समिति को दिया है. लगभग 7 माह पूर्व सामुदायिक अस्पताल का ठेका मिलने के बाद समिति ने लगभग 20 साल से कार्य कर रहे डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और कर्मचारियों की छटनी शुरू कर दी. जिसके बाद यहां के डॉक्टर्स और कर्मचारी हड़ताल पर चले गए. मामले के मीडिया में आने के बाद से नवागत कल्याण समिति के अधिकारी बैकफुट पर आ गए. सभी को यह आश्वासन दिया कि किसी को भी नौकरी से नहीं निकाला जाएगा.
बिना नोटिस के ही सेवाएं खत्म कर दी
मानव कल्याण समिति ने लगभग 14 साल से स्वर्ण जयंती सामुदायिक अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. आदेश कुमार पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए बिना किसी नोटिस के उसकी सेवाएं खत्म कर दी. इतना ही नहीं उनके चेंबर पर नोटिस चस्पा करते हुए किसी अन्य डॉक्टर का नाम लिख दिया. संस्था द्वारा किए गए कृत्य से नाराज डॉक्टर और स्टाफ नर्स और अन्य कर्मचारी धरने पर बैठ गए.
स्वर्ण जयंती अस्पताल परिसर. पिछले 7 माह से जब से मानव सेवा कल्याण समिति अस्पताल पर काबिज हुई है, तभी से अस्पताल में कार्यरत कर्मचारी, डॉक्टर और स्टाफ नर्स परेशान हैं. बिना किसी कारण के कुछ ना कुछ बहाना बनाकर संस्था द्वारा सभी की छंटनी की जा रही है और कई-कई माह से स्टाफ का वेतन भी नहीं दिया जा रहा है. जब हम बिना वेतन के भी कार्य करने के लिए तैयार हो जा रहे हैं, तो झूठे आरोप लगाकर डॉक्टरों को और स्टाफ नर्स और कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा है. संस्था की इन्हीं सब हरकतों से परेशान होकर सारा स्टाफ कार्य का बहिष्कार कर धरने पर बैठ गया.
-डॉक्टर डीके गौतम