उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

महज 4 साल की उम्र में इस बच्चे ने अपने नाम किए कई रिकॉर्ड

By

Published : Aug 30, 2020, 3:52 PM IST

एक कहावत है 'होनहार बिरवान के होत चीकने पात' यानी होनहार बालक की छवि पलने में ही दिख जाती है. वहीं से यह समझ में आ जाता है कि यह बालक आगे चलकर कुछ अच्छे कार्य करेगा और अपने परिवार का नाम रोशन करेगा. कुछ ऐसा ही 'गुरु' में है, जिसे वृंदावन में लोग 'जीनियस बच्चा' के नाम से जानते हैं. इस बच्चे के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हैं. देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट...

genius child guru upadhyay
मथुरा के गुरु उपाध्याय पर स्पेशल रिपोर्ट.

मथुरा:कहते हैं काबिलियत किसी परिचय की मोहताज नहीं होती, अगर हौसले बुलंद हो तो सपनों में भी पर लग ही जाते हैं. कुछ ऐसा ही करके दिखाया है वृंदावन के गौरा नगर निवासी अरविंद उपाध्याय के चार साल के मासूम बच्चे ने, जो अब तक कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुका है. वृंदावन में इस बच्चे को 'जीनियस बच्चा' के नाम से जाना जाता है.

स्पेशल रिपोर्ट...

माता-पिता करते हैं सिविल सर्विसेज की तैयारी
गुरु उपाध्याय के पिता अरविंद और मां प्रिया दोनों ही सिविल सर्विसेज की तैयारी करते हैं. गुरु उपाध्याय अपने माता-पिता की पढ़ाई को ध्यान से देखता है. गुरु को विश्व के कई देशों की राजधानियों के नाम और राष्ट्रध्वज बताने में महारत हासिल है. महज 23 महीने की उम्र में गुरु उपाध्याय ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया. इसके अलावा गुरु का नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, ग्लोबल बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज है. गुरु उपाध्याय अब 4 साल 1 महीने की उम्र में ऑनलाइन यूट्यूब चैनल पर एस्ट्रोलॉजी और रॉकेट साइंस की क्लास पढ़ाता है.

'18 महीने की उम्र से शुरू किया पढ़ना'
गुरु उपाध्याय के पिता अरविंद ने बताया कि गुरु ने मात्र 18 महीने की उम्र से पढ़ना शुरू कर दिया था. 23 महीने में गुरु ने पूरे विश्व के देशों की राजधानियों के नाम और राष्ट्रध्वज बताने में महारत हासिल कर ली थी. उन्होंने बताया कि हम लोग यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करते हैं तो गुरु आकर ध्यान से हम लोगों को पढ़ते हुए देखता है. वह एक बार किसी किताब को पढ़ लेता है तो बड़ी आसानी से उन प्रश्नों के उत्तर दे देता है. गुरु को 'भारत का संविधान' की किताब, जनरल नॉलेज, एस्ट्रोलॉजी और रॉकेट साइंस की किताबें बहुत ही पसंद आती हैं.

'रात को पढ़ाई करता है गुरु'
बच्चे के परिजन दिनेश उपाध्याय ने बताया कि गुरु दिन में खेलता है और देर रात को पढ़ाई करने के लिए कहता है. उन्होंने बताया कि जब गुरु के माता-पिता सो जाते हैं तो वह मेरे पास आकर कहता है कि अब मुझे रात में पढ़ना है तब इसको 12:00 बजे से लेकर सुबह 4:00 बजे तक हम लोग पढ़ाते हैं.

ये भी पढ़ें:जानिए क्यों पत्थर का हो गया था कालिया नाग...

ABOUT THE AUTHOR

...view details