मथुराःदेश को आजाद कराने के लिए कई क्रांतिकारियों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मथुरा से जुड़ी हुई कुछ पुरानी यादें हैं. शहर के बीच स्थित पुराना डाकघर जो बड़ी हवेली के नाम से जाना जाता था. इस हवेली में 1929 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और बाल गंगाधर तिलक एक रात के लिए रुके थे और क्रांतिकारियों के साथ देश आजाद कराने की रणनीति बनाई थी.
गांधी जयंती विशेष: मथुरा से जुड़ी हैं बापू की यादें - Mahatma Gandhi Jayanti
उत्तर प्रदेश के मथुरा से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की बहुत सारी यादे जुड़ी हुई हैं. शहर के बीच में स्थित डाक घर में महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और बाल गंगाधर तिलक ने देश को आजाद कराने की रणनीति बनाई थी.
डाक घर मथुरा.
वहां के स्थानीय रामेश्वर दयाल ने बताया कि हमारे दादा जी बताते थे कि महात्मा गांधी 1929 में मथुरा आए थे और एक रात रुके थे. उनके साथ पंडित जवाहरलाल नेहरू और बाल गंगाधर तिलक भी थे. शहर के बीचों-बीच बड़ी हवेली उस समय पुराना डाकघर के नाम से जानी जाती थी. इस हवेली में आकर महात्मा गांधी एक रात रुके और क्रांतिकारियों के साथ देश आजाद करने की रणनीति बनाई.