मथुरा : वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में साल के एक दिन यानी शरद पूर्णिमा को, ठाकुर जी बंसी-मोर-मुकुट कट काछनी पोशाक धारण करके अपने भक्तों को दर्शन देते हैं. वहीं इस साल शरद पूर्णिमा 19 अक्टूबर को शाम 7 बजकर 3 मिनट पर शुरू हो रही है. दूसरी तरफ इसको लेकर मंदिर प्रशासन अपनी तैयारियों में जुट चुका है. दरअसल, शरद पूर्णिमा के दिन हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु दूर-दराज से दर्शन करने के लिए बिहारी जी मंदिर पहुंचते हैं. इसको लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.
वृंदावन ट्रैफिक व्यवस्था प्लान
आपको बता दें, शरद पूर्णिमा की रात्रि को श्रीकृष्ण भगवान यमुना नदी के किनारे गोपियों के साथ बंसीवट महाराज किया था. चंद्रमा की चांदनी में ठाकुर जी का दर्शन और खीर चंद्रकला का भोग लगाया जाता है. शरद पूर्णिमा को लेकर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए वृंदावन पहुंचते हैं. वहीं यातायात व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन ने ट्रैफिक प्लान तैयार कर लिया है. छटीकरा वृंदावन मार्ग, मथुरा वृंदावन मार्ग, यमुना एक्सप्रेस-वे से वृंदावन आने वाले वाहन को रोक दिया जाएगा. पानी घाट किराए से सभी वाहन रोके जाएंगे. चामुंडा कट पर वाहनों की प्रवेश प्रतिबंध रहेंगे. कैलाश नगर मोड़ पर सभी वाहन रोके जाएंगे. सुन रख रोड पर भी वाहनों का प्रतिबंध रहेगा.
पार्किंग की व्यवस्था
वृंदावन आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जिला प्रशासन के द्वारा पार्किंग की व्यवस्था बनाई गई है. ये पार्किंग सुविधा टीएफटी मैदान में पार्किंग, दारुक पार्किंग, चौहान पार्किंग की सुविधा रहेगी. नेशनल हाईवे टू छटीकरा से आने वाले वाहन माता वैष्णो देवी मंदिर के पास पार्किंग, मल्टी लेवल पार्किंग, अन्नपूर्णा पार्किंग में वाहनों को पार्क किया जाएगा.
रूट डायवर्जन
जिला प्रशासन ने शरद पूर्णिमा पर्व को लेकर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रूट डायवर्जन किया है, ताकि आम श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई असुविधा ना हो. यमुना एक्सप्रेस-वे से वृंदावन होते हुए नेशनल हाईवे टू जाने वाले सभी वाहन एक्सप्रेस-वे कट से उतरकर लक्ष्मी नगर गोकुल बैराज से टाउन होते हुए नेशनल हाईवे के लिए जाएंगे.
नेशनल हाईवे टू छटीकरा से वृंदावन होते हुए यमुना एक्सप्रेस-वे को जाने वाले बाहरी वाहन टाउनशिप गोकुल बैराज और लक्ष्मी नगर होते हुए यमुना एक्सप्रेस-वे को जाएंगे.
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श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था
जिला प्रशासन ने दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएं की हैं. ई-रिक्शा से मंदिर परिसर तक पहुंचने की व्यवस्था की गई है. स्थानीय निवासी अपने लोकल आईडी कार्ड दिखाकर अपने निवास को जा सकते हैं. बाहरी वाहन और फोर व्हीलर पर प्रतिबंध रहेगा. एसपी सिटी एमपी सिंह ने बताया कल शरद पूर्णिमा के पर्व पर दूरदराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु के आगमन को लेकर यातायात व्यवस्थाएं की गई हैं. आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई अव्यवस्था ना हो उसके लिए ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है. यमुना एक्सप्रेस-वे नेशनल हाईवे और छटीकरा पर पार्किंग बनाई गई हैं. जहां श्रद्धालु अपने वाहन पार्क करके ई-रिक्शा के माध्यम से मंदिर परिसर आसानी से पहुंच सकते हैं.
मंगलवार शाम 7 बजे हो रही पूर्णिमा
पूर्णिमा तिथि आज यानी 19 अक्टूबर को शाम 7 बजकर 3 मिनट पर शुरू होगी और 20 अक्टूबर रात 8 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार शरद पूर्णिमा का व्रत कल यानी 20 अक्टूबर, बुधवार के दिन रखा जाएगा. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चन्द्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा होती है और इस दिन से शरद ऋतु का आगमन होता है. शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा धरती के सबसे निकट होता है. ये पर्व रात में चंद्रमा की दूधिया रोशनी के बीच मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि पूरे साल में केवल शरद पूर्णिमा के दिन ही चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है. इस दिन चंद्र देव की पूजा करना शुभ होता हैं. शरद पूर्णिमा के दिन व्रत करना विशेष फलदायी होता है.