मथुराः 2 जून 2016 को हुए बहुचर्चित जवाहरबाग कांड का वह काला दिन अभी तक लोगों के जेहन में ताजा है. इसी जवाहर बाग कांड से पूर्व 4 अप्रैल 2016 को जवाहर बाग के अवैध कब्जाधारियों ने सदर तहसील में घुसकर लोगों के साथ मारपीट की थी. इस मामले में थाना सदर पुलिस ने सात लोगों के खिलाफ कार्रवाई की थी. गैंगस्टर कोर्ट ने इन सातों आरोपियों को बरी कर दिया है.
दरअसल, करीब 200 एकड़ में फैले जवाहर बाग में तथाकथित सत्याग्राहियों ने अटपटी मांगों को उठाते हुए कब्जा कर लिया था. इसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया तो आरोप है कि इन लोगों ने उनसे भी मारपीट की.
4 अप्रैल 2016 को इन अवैध कब्जाधारियों पर सदर तहसील में घुसकर लोगों के साथ मारपीट करने का आरोप लगा था. इस मामले में सदर पुलिस ने प्रेमपाल पुत्र जानकी प्रसाद, रामायण पुत्र राम लखन, राजेश पुत्र झब्बूलाल, चरन सिंह पुत्र रामबख्स, प्रिंस पुत्र राम सिंह, नवल किशोर मौर्या पुत्र बोलाराम मौर्या, राहुल पुत्र किशन लाल के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे. पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इनके खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की गई थी.
इन सातों आरोपियों को गैंगस्टर कोर्ट की ओर से बरी कर दिया गया. आरोपियों में नवल किशोर और रामायण को अदालत से जमानत मिल चुकी थी. वहीं, राहुल को प्रशासनिक आधार पर पीलीभीत जेल भेज दिया गया था जबकि चार आरोपी जिला कारागार में निरुद्ध थे.
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