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नौकरी लगाने के नाम पर लाखों की ठगी से परेशान रिटायर्ड सिंचाई कर्मचारी ने की आत्महत्या

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Published : Jul 27, 2021, 4:49 PM IST

जिले के बलदेव थाना क्षेत्र में 62 वर्षीय रिटायर्ड सिंचाई विभाग के कर्मचारी ने ठगी से परेशान होकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक के पास एक सुसाइड नोट भी मिला है. जानकारी के अनुसार, गांव के बच्चों की नौकरी लगवाने के नाम पर रिटायर्ड सिंचाई विभाग कर्मचारी से लाखों की ठगी की गई थी.

कर्मचारी ने की आत्महत्या
कर्मचारी ने की आत्महत्या

मथुरा :जिले के बलदेव थाना क्षेत्र के गांव सहजादपुर में उस समय हड़कंप मच गया, जब 62 वर्षीय रिटायर्ड सिंचाई विभाग के कर्मचारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक के पास एक सुसाइड नोट भी मिला है. आरोप है कि रिटायर्ड सिंचाई विभाग के कर्मचारी से एमईएस (Military Engineering Services) के एक कर्मचारी ने कई बच्चों की नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों रुपए ले लिए थे. इसके अलावा बच्चों की ओरिजिनल मार्कशीट भी रख ली थी.

काफी समय हो जाने के बाद जब नौकरी नहीं लगी, तो रिटायर्ड कर्मचारी ने एमईएस (मिलट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज) कर्मचारी से बच्चों के दिए हुए रुपयों को वापस मांगा, तो कर्मचारी ने देने से मना कर दिया. जिसके बाद तंग आकर और शर्म से परेशान रिटायर्ड सिंचाई विभाग के कर्मचारी ने अपने घर पर ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इस मौत का जिम्मेदार एमईएस कर्मचारी को बताया.

क्या है पूरा मामला

दरअसल, बलदेव थाना क्षेत्र के शहजादपुर गांव के रहने वाले 62 वर्षीय रामकिशन की जान-पहचान सदर बाजार थाना क्षेत्र के प्रह्लाद सिटी के रहने वाले एमईएस (Military Engineering Services) कर्मचारी विनोद वर्मा से हुई थी. इस दौरान सरकारी नौकरी लगाने के संबंध में रामकिशन और विनोद वर्मा के बीच बातचीत हुई. आरोप है कि रिटायर्ड सिंचाई विभाग कर्मचारी रामकिशन ने अपने आसपास के रहने वाले करीब 100 बच्चों से लाखों रुपए व उनकी मार्कशीट लेकर विनोद वर्मा को दे दी. वहीं विनोद वर्मा ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही सभी बच्चों की सरकारी नौकरी लगवा देगा.

2 साल बीत जाने के बाद भी जब किसी एक भी बच्चे की नौकरी नहीं लगी तो रामकिशन ने विनोद वर्मा से दिए हुए करीब 25 लाख रुपए और बच्चों की मार्कशीट वापस मांगी. लेकिन विनोद देने से मुकर गया और उसने रामकिशन को धमकी देना शुरू कर दिया. कई दिनों से रामकिशन विनोद वर्मा के घर के चक्कर काट रहे थे, लेकिन विनोद वर्मा घर पर नहीं मिल रहा था. इससे परेशान होकर रामकिशन ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. साथ ही सुसाइड नोट में विनोद वर्मा को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है. फिलहाल परिजनों द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर घटना की जांच शुरू कर दी है.

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परिजनों ने दी जानकारी

रामकिशन के पुत्र पवन कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि मेरे पिताजी की दोस्ती विनोद वर्मा नामक व्यक्ति से हुई थी, उसने वादा किया था कि वह कई बच्चों की सरकारी नौकरी लगवा देगा. इसी वादे के बाद मेरे पिताजी के माध्यम से 100 से ज्यादा बच्चों के लाखों रुपए और बच्चों की ओरिजिनल मार्कशीट ले ली. लेकिन किसी बच्चे की नौकरी नहीं लगवाई. 2 साल बीत जाने के बाद जब पिताजी ने विनोद से अपने पैसे और मार्कशीट वापस मांगी, तो उसने देने से साफ इनकार कर दिया. बेटे ने बताया कि पिताजी लगातार उसके घर के चक्कर काट रहे थे, लेकिन वह घर पर नहीं मिलता था और ना ही फोन उठाता था. शर्म की वजह से तंग आकर उन्होंने आत्महत्या कर ली है. मृतक के बेटे ने कहा कि हमारे द्वारा पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की गई है. पुलिस ने मामला दर्ज कर घटना की जांच शुरू कर दी है.

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