मथुरा: सोमवार की देर रात यमुना एक्सप्रेस वे पर सड़क हादसे में पांच लोगों की जलकर मौत हो गई. यमुना एक्सप्रेसवे और शहर की सड़कों पर दौड़ते वाहनों का रियलिटी चेक किया गया, तो वाहनों में आग बुझाने के उपकरण मौजूद नहीं मिले. जिला प्रशासन ने महीनों से कोई अभियान नहीं चलाया. इससे साफ हो रहा है कि जिला प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है. रियलिटी चेक करने पर वाहन चालक इधर-उधर देखने लगे.
आग से बचाव पर प्रशासन की लापरवाही. सरकारी वाहनों में भी नहीं मौजूद हैं आग बुझाने के उपकरण
यमुना एक्सप्रेसवे और शहर की सड़कों पर दौड़ते वाहनों में आग बुझाने के उपकरण मौजूद नहीं है. जब ईटीवी भारत की टीम ने गाड़ियों का रियलिटी चेक किया तो वाहन चालक इधर-उधर देखने लगे. यहां तक कि खुद पुलिस की गाड़ियों में भी फायर एक्यूमेंट मौजूद नहीं मिला.
जिला प्रशासन ने महीनों से नहीं चलाया अभियान
सरकारी वाहन और प्राइवेट वाहनों में सीएनजी पास होने के बाद भी जिला प्रशासन ने फायर उपकरण को लेकर महीनों से कोई अभियान नहीं चलाया है. जिला प्रशासन किसी बड़े हादसे के इंतजार में बैठा है.
सेंट्रल लॉक होने के बाद नहीं खुल पाती हैं गाड़ियां
यमुना एक्सप्रेसवे और आगरा-दिल्ली राजमार्ग पर तेज गति से दौड़ते वाहनों में अचानक आग लग जाए तो सेंट्रल लॉक होने के कारण गाड़ियों का दरवाजा नहीं खुल पाता है. गाड़ी में फायर उपकरण भी मौजूद नहीं हैं. गाड़ी में सीएनजी शॉर्ट सर्किट होने के कारण आग जल्दी पकड़ लेती है और देखते ही देखते गाड़ी आग के गोले में तब्दील हो जाती है. इससे वाहन सवार लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है.
एसपी यातायात कमल किशोर ने बताया कि फायर एक्यूमेंट को लेकर गाड़ियों की चेकिंग की जाती है, लेकिन देर रात यमुना एक्सप्रेस वे पर हुई घटना को लेकर अभियान शुरू कराया जाएगा. चेकिंग के दौरान जो कमियां पाई जाएंगी, उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. यह सुनिश्चित किया जाएगा इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.