उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

भारत में यहां होती है रावण की पूजा, बहन की थी ससुराल

भारत में एक ऐसा भी स्थान है, जहां पर लोग रावण की पूजा करते हैं. यह लोग रावण के पुतला दहन का जोरदार तरीके से विरोध करते हैं. इनका कहना है कि लोग रावण का पुतला दहन करके हिंदू संस्कृति की ही खिलाफत करते हैं, इसे तुरंत से बंद कर देना चाहिए.

रावण की पूजा.
रावण की पूजा.

By

Published : Oct 25, 2020, 1:52 AM IST

मथुराः शहर के यमुना नदी के किनारे बने प्राचीन शिव मंदिर में विजयदशमी के दिन शिव के साथ रावण की भी विधि-विधान से पूजा की जाती है. सारस्वत समाज के ब्राह्मण आज भी रावण की पूजा करते हैं. ये लोग रावण का पुतला जलाने का विरोध करते हैं. दशकों से चली आ रही परंपरा आज भी कायम है. इनका कहना है कि हिंदू रीति-रिवाज में मरे हुए व्यक्ति का एक ही बार दहन किया जाता है न कि बार-बार पुतला जलाया जाता है.

रावण के पुतला दहन का यहां होता है विरोध.

मथुरा में होती है रावण की पूजा
यमुना नदी के किनारे बने प्राचीन शिव मंदिर में सारस्वत समाज के लोग विजयदशमी के दिन विधि-विधान से रावण की पूजा करते हैं और आरती भी उतारी जाती है दशकों से चली आ रही परंपरा आज भी कायम है। सैकड़ों की संख्या में सारस्वत समाज के लोग एकजुट होकर रावण की पूजा करते हैं और रावण का पुतला जलाने का विरोध करते हैं।

रावण का मथुरा से नाता
दशानन यानी लंकापति रावण का मथुरा से बड़ा गहरा ताल्लुक है. रावण के छह भाई, दो बहन थीं. रावण की बड़ी बहन कुंभनी मथुरा के राजा मधु राक्षस की पत्नी और लवणासुर की मां थी. रावण ब्राह्मणों में सारस्वत गोत्र से थे.

यमुना नदी के किनारे बने हैं प्राचीन शिव मंदिर
लंकापति रावण प्रकांड विद्वान, दूरदर्शी और शिव के परम भक्त भी थे. मर्यादा पुरुषोत्तम राम भी रावण की विद्वता को मानते थे. भगवान राम भी रावण की रामेश्वर में सेतु निर्माण के बाद पूजा किए थे.

लंकेश भक्त मंडल अध्यक्ष ओमवीर सारस्वत ने कहा कि रावण प्रचंड विद्वान और दूरदर्शी थे. भगवान राम भी रावण की विद्वता को मानते थे. असत्य पर सत्य की विजय के प्रतीक विजयदशमी पर रावण के पुतले का बार-बार दहन किया जाता है, यह गलत है. इसका हम लोग विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि मरे हुए व्यक्ति का एक बार ही अंतिम संस्कार किया जाता है न कि बार-बार.

ABOUT THE AUTHOR

...view details