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कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से बच्चों का कैसे करें बचाव, जानिए स्पेशलिस्ट से...

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच महामारी की तीसरी लहर आने की संभावना जताई जा रही है. इस दौरान लोगों के बीच डर और भय का माहौल बना हुआ है.

तीसरी लहर से बच्चों का कैसे करें बचाव!
तीसरी लहर से बच्चों का कैसे करें बचाव!

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Published : Aug 8, 2021, 6:21 PM IST

मथुराः चारों ओर तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है. जिसको लेकर सरकार और विशेषज्ञों की ओर से बार-बार अपील की जा रही है कि लोग कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करें. ऐसा माना जा रहा है कि तीसरी लहर की संभावना के बीच 18 साल से कम आयु वर्ग के बच्चों को ये महामारी ज्यादा शिकार बना सकती है. ऐसे बच्चों को कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा अधिक है. जिसको लेकर सरकार द्वारा तैयारियां भी तेज कर दी गई है. वहीं विशेषज्ञ भी अपनी राय दे रहे हैं.

वहीं चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर अशोक अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि हमने दूसरी लहर में जितनी त्रासदी को देखा है कि जिस तरह से अपनों को मरते हुए और परेशान होते हुए देखा है. निश्चित रूप से तीसरी लहर को लेकर इसलिए हम लोग डरे हुए हैं. ये बात सही है कि कोरोना वायरस संक्रमण एक वायरल फीवर की तरह हैं और हर बदलते मौसम में ये प्रभावी हो जाता है.

तीसरी लहर से बच्चों का कैसे करें बचाव, जानिए स्पेशलिस्ट से...

पिछले साल भी मौसम में बदलाव आया तो यह प्रभावी हुआ और इस साल भी मौसम में बदलाव हुआ तभी अधिक प्रभावी हुआ. अब एक बार फिर से मौसम में बदलाव आ रहा है. कयास लगाया जा रहा है कि ये दोबारा वापस आ सकता है. बच्चों के लिए ये घातक है. हालांकि जिन लोगों को वैक्सीन लग गई है, तो मैं मानता हूं कि वह लोग काफी हद तक सुरक्षित हैं. जिससे काफी हद तक लोग सुरक्षित रहेंगे. इसके साथ ही लोग काफी एतिहात भी बरत रहे हैं. जिसका फायदा भी लोगों को दिखाई दे रहा है.

लेकिन अभी भी जो 18 साल से कम आयु के बच्चे हैं, वो वैक्सीनेटेड नहीं हैं और वह इस संक्रमण की चपेट में आसानी से आ सकते हैं. अगर यह इंफेक्शन बच्चों में आता है तो यह बच्चों को काफी प्रभावित करेगा. जहां तक बचाव का प्रश्न है तो बचाव के उपाय बच्चों के लिए भी वही है जो बड़ों के लिए हैं.

जब तक यह किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आएंगे तो ये संक्रमण बच्चों में नहीं फैलेगा. बच्चों में संक्रमण फैलने के दो कारण हो सकते हैं या तो वह बड़ों के संपर्क में आकर संक्रमित हो सकते हैं. जब तक यह किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आएंगे तो यह संक्रमण की चपेट में नहीं आएंगे. लेकिन अगर परिजन वैक्सीनेटेड होंगे तो संक्रमण फैलने की संभावना भी कम होगी.

लेकिन जब बच्चे बाहर मूव करेंगे तो निश्चित रूप से यह संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं. क्योंकि अभी पूरी तरह से सभी लोग वैक्सीनेटेड नहीं हो पाए हैं, और अभी भी काफी लोगों को दोनों डोज नहीं लग पाई है. इसलिए बच्चों के लिए आवश्यक है कि वह सावधानी बरतें जिस प्रकार बड़े लोग सावधानी बरत रहे हैं और बाहर जाने से परहेज कर रहे हैं. वहीं परिजन अधिक से अधिक वैक्सीनेशन कराएं ताकि संक्रमण की संभावना को टाला जा सके.

कोरोना वायरस की तीसरी संभावित लहर का बच्चों पर खतरनाक प्रभाव पड़ेगा. ऐसी संभावना जताई जा रही है. लगातार विशेषज्ञ इस पर अध्ययन भी कर रहे हैं. इस पर विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों के अलग-अलग दावे भी सामने आ रहे हैं. वही चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर अशोक अग्रवाल का कहना है कि जिस प्रकार दूसरी लहर में इस महामारी ने लोगों को काफी खतरनाक रूप से प्रभावित किया. इसी तरह से तीसरी लहर में यह बच्चों को भी प्रभावित कर सकती है. लेकिन सभी अगर एतिहात बरतें तो इस लहर से काफी हद तक बचा जा सकता है.

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कोरोना गाइडलाइन का पालन कर काफी हद तक इस लहर से बचा जा सकता है. मां बाप अपने आप को सुरक्षित रख बच्चों को भी सुरक्षित रख सकते हैं. जिसके लिए सभी को टीकाकरण कराना अति आवश्यक है. नियमित रूप से मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और समय-समय पर हाथ साफ करना अति आवश्यक है. अभी तक बच्चों के लिए कोई टीकाकरण की व्यवस्था नहीं हो पाई है. जिसके चलते महामारी से सुरक्षा करना ही सबसे बड़ा बचाव है.

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