मथुरा: जनपद में चोरी का एक अजब-गजब मामला सामने आया है. जिसमें एक शख्स पहले पिता के मथुरा जंक्शन में रेलवे विभाग में होने का फायदा उठाकर जंक्शन पर जान पहचान बढ़ाता था. इसके बाद ट्रेनों में रेकी करके लूट और चोरी को अंजाम देता था. 29 जून को पश्चिम एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्री का छह लाख रुपए से भरा हुआ बैग चोरी हो जाने से हड़कंप मच गया था. सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरपीएफ और जीआरपी पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए ट्रेनों में लूटपाट करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. 29 जून की घटना का गुरुवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया.
29 जून को ट्रेन में हुई चोरी
पश्चिम एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 02529 के बी-3 कोच में 29 जून को सुमेर सिंह निवासी भरूच धन सिंह मथुरा से दिल्ली ट्रेन में यात्रा कर रहे थे, तभी अचानक सुमेर सिंह का बैग गायब हो गया जिसमें साढे छह लाख रुपए रखे हुए थे. यात्री ने ट्रेन में चोरी होने की सूचना कंट्रोल रूम को दी, जिससे वहां हड़कंप मच गया. 30 जून को आरपीएफ थाने में चोरी की सूचना पर मुकदमा दर्ज किया गया. आगरा एसपी रेलवे के नेतृत्व में आरोपियों की तलाश के लिए टीमें लगाई गईं. एक टीम सर्विलांस, दूसरी सीसीटीवी फुटेज खंगालने में लगी थी. तीसरी टीम आरोपी के पुराने आपराधिक डाटा खंगाला रही थी. सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद आरोपी की शिनाख्त हुई.
ट्रेन में चोरी करने वाले दो चोर गिरफ्तार ट्रेन में लगे सीसीटीवी कैमरे से हुई गिरफ्तारी
पश्चिम एक्सप्रेस ट्रेन में चोरी करने वाले दो शातिर अपराधी राजेश चौहान उर्फ विक्रम निवासी हिम्मतपुरा धौली प्याऊ और सुमित कुमार निवासी मानपुर मैनपुरी के रूप में सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी की गई. 29 जून को राजेश चौहान पश्चिम एक्सप्रेस ट्रेन के बी 3 कोच में रेकी करने के बाद सुमेर सिंह का बैग चोरी करके फरार हो गया था. बैग में साढ़े 6 लाख रुपए रखे हुए थे. राजेश चौहान के पिता मथुरा जंक्शन पर रेलवे विभाग में कार्यरत थे, जिसके चलते राजेश का हर रोज मथुरा जंक्शन पर आना-जाना लगा रहता था. वह ट्रेन में पिता का नाम लेकर जान पहचान बढ़ाने लगा. इसके बाद धीरे-धीरे राजेश ट्रेनों में रेकी करके चोरी और लूटपाट की घटनाओं को अंजाम देकर मौके से फरार हो जाता था. 29 जून को भी राजेश ने ऐसा ही किया.
सीसीटीवी फुटेज से हुई पहचान. आरपीएफ जीआरपी की संयुक्त कार्रवाई
आरपीएफ पुलिस ने 7 जुलाई को शाम 8 बजे जंक्शन पर चेकिंग के दौरान राजेश चौहान को सीसीटीवी के आधार पर पूछताछ करने के लिए हिरासत में लिया गया. जब पुलिस ने राजेश से सख्ती से पूछताछ की तो पश्चिम एक्सप्रेस ट्रेन में हुई चोरी की घटना के तार जुड़ने शुरू हो गए. राजेश के पास से साढ़े तीन लाख रुपए की नगदी, एक एंड्राइड मोबाइल फोन बरामद किया गया. राजेश की निशानदेही पर दूसरे आरोपी सुमित को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जिसके पास से तीन लाख रुपए बरामद किए गए. आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त कार्रवाई में पकड़े गए मास्टरमाइंड राजेश चौहान के खिलाफ जनपद के कई थाने में 10 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, जबकि दूसरे आरोपी सुमित कुमार के खिलाफ लूट और चोरी के 5 से अधिक मुकदमे थाने में दर्ज हैं.
पुलिस ने किया घटना का अनावरण
प्रभारी पुलिस अधीक्षक रेलवे मोहम्मद मुशताक ने बताया 29 जून को पश्चिम एक्सप्रेस ट्रेन में चोरी की वारदात होने के बाद पुलिस ने आरोपी की तलाश के लिए तीन टीमें लगाई थीं. सर्विलांस, सीसीटीवी फुटेज और अपराधियों की पहचान के लिए पुलिस ने अपना काम करना शुरू किया. पश्चिम एक्सप्रेस ट्रेन में लगे सीसीटीवी कैमरे की मदद से पुलिस आरोपी तक पहुंच गई. पकड़े गए दोनों आरोपियों के पास से 6 लाख 72 हजार की नगदी, एंड्राइड मोबाइल, नशीला पाउडर और बैग बरामद किया गया है. चोरी की घटना के मास्टरमाइंड राजेश चौहान के पिता मथुरा जंक्शन पर रेलवे विभाग में कार्यरत थे. उनकी जान पहचान का फायदा उठाकर आरोपी ट्रेनों में लूटपाट और चोरी की घटना को अंजाम देता था. आरपीएफ और जीआरपी पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में चोरी की घटना का अनावरण किया.