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ब्रज रज महोत्सव में कैलाश खेर के गीतों पर जमकर थिरके ब्रजवासी - ब्रज रज महोत्सव

प्रख्यात बॉलीवुड गायक कैलाश खेर ने ब्रज रज महोत्सव में जब मैं तो तेरे प्यार का दीवाना हो गया... गीत सुनाया तो मौजूद श्रोता झूम उठे और तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया. वहीं इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं धन्यवाद देता हूं इस धरती को धन्यवाद देता हूं परमपिता परमेश्वर को जिन्होंने हमारे देश में इतना बड़ा एक सत्ताधारी देव तुल्य प्रधानमंत्री को भेजा है, जिन्होंने इस देश की संस्कृति इस देश के आध्यात्म पर भी ध्यान दिया.

कैलाश खेर के गीतों पर जमकर थिरके श्रोता
कैलाश खेर के गीतों पर जमकर थिरके श्रोता

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Published : Nov 17, 2021, 10:58 AM IST

Updated : Nov 17, 2021, 12:07 PM IST

मथुरा: यमुना नदी के किनारे ब्रज रज महोत्सव कार्यक्रम में बॉलीवुड के स्टार सूफी गायक कैलाश खेर ने अपने गानों से मंगलवार की देर शाम को लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया. उत्तर प्रदेश तीर्थ विकास परिषद द्वारा बृजरज महोत्सव कार्यक्रम में हर रोज बॉलीवुड के स्टार अपनी प्रस्तुति देते हुए नजर आ रहे हैं. सूफी गायक कैलाश खेर ने अपनी सुरीली आवाज से श्रोताओं को मन मुग्ध कर दिया.

सूफी गायक कैलाश खेर
बॉलीवुड के सूफी गायक कैलाश खेर मंगलवार की देर शाम वृंदावन में अपनी सुरीली आवाज से श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया, तो वहीं फिल्मी गाने सुन कर पूरा प्रांगण झूम उठा. सूफी गायक ने फिल्मी अंदाज पर गाने गाए मैं तो तेरे प्यार का दीवाना हो, बाहुबली फिल्म के गानों पर श्रोता ताली बजाने पर मजबूर हो गए. सूफी गायक के गाने सुनने के लिए हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी. भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन को सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने पड़े.

ब्रज रज महोत्सव में कैलाश खेर के गीतों पर जमकर थिरके ब्रजवासी

19 नवंबर को होगा समापन
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के तत्वधान में वृंदावन यमुना नदी के किनारे हुनर हाट ब्रज रज महोत्सव 10 नवंबर को शुभारंभ किया गया था. इसमें हर शाम फिल्मी स्टार भजन गायक अपनी प्रस्तुति देते नजर आ रहे हैं. ब्रजराज महोत्सव कार्यक्रम के पांडाल में सभी के मनोरंजन के लिए संसाधन उपलब्ध है. बच्चों के लिए झूले तो वही व्यंजनों के लिए 200 से अधिक स्टाल लगाई गई हैं. देश के अलग-अलग प्रांतों के व्यंजनों का स्वाद भी इसी मंच पर देखने को और चखने को मिला.

कैलाश खेर ने जानकारी दी
जानकारी देते हुए कैलाश खेर ने बताया कि यह जन्मभूमि हमारे ठाकुर जी की भूमि हमारे ठाकुर जी की क्रीड़ा भूमि वृंदावन धाम मथुरा धाम है. यहां जितने भी लोग हैं उनमें भी ठाकुर जी का असर दिखता है, कान्हा का असर दिखता है. मैं धन्यवाद देता हूं इस धरती को धन्यवाद देता हूं परमपिता परमेश्वर को जिन्होंने हमारे देश में इतना बड़ा एक सत्ताधारी भेजा जिनका नाम है नरेंद्र मोदी, जिन्होंने इस देश की संस्कृति इस देश के आध्यात्म पर भी ध्यान दिया.

अन्यथा कलाकार उत्सव और अध्यात्म संस्कृति यह सब कहीं ना कहीं कागजों पर ही चल रहा था. आज परमात्मा का खेल देखिए कि कलाकारों को संसद तक बुलाया जा रहा है और वह भी पब्लिक के द्वारा यह नहीं है कि केवल राज्यसभा में ही मनोनीत हो रहे हैं लोकसभा तक से चुनकर कलाकार जा रहे हैं. तो समय बदल रहा है और इस दिव्य खंड को और इस युग परिवर्तन को मैं प्रणाम करते हुए हमारे देव तुल्य प्रधानमंत्री मोदी जिनको विश्व भी मान रहा है कि अगर कोई विपत्ति हो तो इनकी तरफ देखो इनकी तरफ उन्मुख रहो यह कोई न कोई हल बता डालेंगे.

आजादी का अमृत महोत्सव जिसका उत्सव चल रहा है. ब्रज रज उत्सव वृंदावन धाम में तीरथ धाम में और इतने सारे प्रकल्प जुड़े हैं. हुनर हाट में जिसमें कलाकारों का अंबार लगा है. पूरे भारत को दिव्य खंड बना दिया है.

पहले हिंदी भाषियों को भी हाशिए पर रखते थे
कैलाश खेर ने कहा कि मैं एक बात बताना चाहता हूं हम गाते तो 15 साल से हैं पहले भी यह सब चीजे होती थी, लेकिन आध्यात्म को संस्कृति को इस तरह से पहले उजागर नहीं किया गया. पहले धीरे से बोलते थे हिंदी भाषियों को भी हाशिए पर रखते थे, पहले अंग्रेजी बोलने वालों को ज्यादा हाईलाइट किया जाता था. परमात्मा ने अब ऐसी दृष्टि दी भाषा कोई भी हो संस्कृति भारतीयों ही रहेगी. और इसका श्रेय जाता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हमारे उत्तर प्रदेश के गणमान्य तेजस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को और इनकी जितनी भी टीम है जितने भी मंत्री हैं जितने भी ऑफिसर हैं जितने भी अधिकारी गण हैं सबके अंदर जैसे परमात्मा बस गए हैं.

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उन्होंने कहा कि पहले भी काम होता था, लेकिन अब कर्म और पूजा यह दोनों एक साथ हो गए हैं. अब धर्म मान कर ही कर्म हो रहा है. तभी भारत का सारा स्वरूप बदल रहा है. मैं इस बदलते हुए स्वरूप को प्रणाम करता हूं. आज गरीब के हाथ में भी कई कई मोबाइल है और एक से एक वीडियो चल रहा है. कभी 10 से 20 साल पहले यह ख्वाब में भी लोगों ने नहीं सोचा था. अब इतना कुछ बदल रहा है हमने तो सुना था देवलोक में ही यह सब होता है, लेकिन अब इस लोक में भी हो रहा है और अब शायद यह सतयुग का प्रारंभ हुआ है.

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Last Updated : Nov 17, 2021, 12:07 PM IST

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