मथुरा: जिला प्रशासन ने इस बार भी सर्वसम्मति से वर्तमान हालात को देखते हुए मुड़िया मेले को निरस्त करने के आदेश दे दिए हैं. 20 जुलाई से 24 जुलाई तक गोवर्धन कस्बे में मुड़िया मेला आयोजित किया जाता है. जिसमें गोवर्धन गिरिराज पर्वत की परिक्रमा लगाने के लिए करोड़ों श्रद्धालु गोवर्धन पहुंचते हैं. जिला प्रशासन के आदेश के मुताबिक, दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं का इस दौरान गोवर्धन में प्रवेश वर्जित रहेगा. गोवर्धन कस्बे से लगने वाली सभी सीमाएं 19 जुलाई रात्रि 12:00 से 24 जुलाई रात्रि 12:00 बजे तक सील रहेंगी. सीमाओं पर बैरिकेडिंग लगाकर पुलिसकर्मी भी तैनात किए जाएंगे.
वर्तमान हालातों और कोरोना के डेल्टा प्लस खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने मंदिर प्रशासन, स्थानीय लोगों, दुकानदारों और पुलिस प्रशासन के साथ बैठक के बाद गुरु पूर्णिमा को लगने वाले राजकीय मेला को निरस्त किया जा चुका है. 19 जुलाई रात्रि 12:00 बजे से 24 जुलाई रात्रि 12:00 बजे तक गोवर्धन कस्बे से लगने वाली सभी सीमाएं गोवर्धन मथुरा मार्ग, ब्लॉक तिराया, बाईपास चौराहा, गोवर्धन डीग मार्ग ,राधाकुंड छटीकरा मार्ग ,राधा कुंड कुंजेरा मार्ग,डीएवी मुखराई, बाईपास पेठा और जतीपुरा गांटोली,ग्वालियर वृंदावन बाईपास की सीमाएं सील कर दी जाएगी.
विश्व प्रसिद्ध मुड़िया पूर्णिमा मेला निरस्त मुड़िया मेला निरस्त होने के बाद मंदिर परिसर में सेवाएं नियमित रूप से की जाएंगी, लेकिन श्रद्धालुओं के प्रवेश वर्जित रहेगा. मंदिर के सेवायत सुबह, दोपहर, शाम और रात्रि की सेवाएं नियमित रूप से करेंगे.गोवर्धन के दानघाटी, मुखारविंद, राधा कुंड और जतीपुरा मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शन पर मनाही रहेगी.
20 से 24 जुलाई तक सील रहेंगी सीमाएं गुरु पूर्णिमा का पर्व ब्रज में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. गुरु पूर्णिमा जो राजकीय मुड़िया मेले के नाम से भी विख्यात है. इस मौके पर गोवर्धन कस्बे में मुड़िया मेले के अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु गोवर्धन पहुंचते हैं.यहां गिरिराज महाराज की परिक्रमा लगा कर दान पूर्ण कर कर पुण्य कमाते हैं, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते हुए मुड़िया मेला निरस्त किया गया है. श्रद्धालुओं के प्रवेश वर्जित किए हैं.
इसे भी पढ़ें-RSS की बैठक खत्म: यूपी विधानसभा चुनाव पर चिंतन, विधायकों के रिपोर्ट कार्ड पर डाली गई नजर
उप जिलाधिकारी राहुल यादव ने बताया वर्तमान हालातों को देखते हुए मेला निरस्त करने के आदेश किए हैं. बैरिकेडिंग लगाकर पुलिसकर्मी भी तैनात किए जाएंगे. दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित किया गया है. मंदिर परिसर में सेवाएं नियमित रूप से होंगी, लेकिन श्रद्धालु दर्शन नहीं कर सकेंगे ना ही परिक्रमा लगा सकेंगे.