मथुरा:तेज बरसात और ओलावृष्टि के कारण ठंड बढ़ने के साथ ही जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया. परिक्रमा मार्ग स्थित ललिता बाग के सामने निर्माणाधीन सुलभ शौचालय सोमवार को धराशायी हो गया. गनीमत ये रही कि बारिश से बचने के लिए इस शौचालय में सो रहे साधु और असहाय लोग तुरन्त बाहर निकल आए. अन्यथा जान हानि भी हो सकती थी.
शौचालय की गुणवत्ता पर उठे सवाल. गुणवत्ता की खुली पोल
बता दें कि नगर निगम की भूमि पर इस शौचालय का निर्माण सुलभ इंटरनेशनल संस्था द्वारा कराया जा रहा है. निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और टाइल्स लगाने का कार्य चल रहा था. अब पहली तेज बरसात में ही यह शौचालय इस कदर ढह गया कि शौचालय मलबे का ढेर बन गया है. जिसने कार्य की गुणवत्ता की भी पोल खोल दी है. जब इस संबंध में नगर निगम के अपर नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार तिवारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शौचालय गिरा नहीं है बल्कि गिराया गया है.
शौचालय डिमोलिश की थी परमिशन
अपर नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि यह शौचालय सुलभ इंटरनेशनल द्वारा बनाया जा रहा था. लगभग एक महीना पहले नगर निगम द्वारा इसके संबंध में नोटिस भी जारी किया गया था. उसके पीछे के जो पिलर थे, वह कुछ कमजोर थे. इसके संबंध में अधिशासी अभियंता निर्माण मिश्रा ने नोटिस भी जारी किया था. नोटिस के तहत दो-तीन दिन पहले परमिशन ली गई थी कि शौचालय डिमोलिश करना है.
सत्येंद्र कुमार ने कहा कि सुलभ संस्था ने स्वयं शौचालय को डिमोलिश कराया था. इसका निर्माण चार-पांच महीने पहले शुरू हुआ था. ठीक प्रकार से तो सुलभ संस्था ही बता सकती है. यह सुलभ इंटरनेशनल वालों ने स्वयं गिराया है, मेरे पास रिपोर्ट आई है.
पहली ही बारिश में गिरा शौचालय
स्थानीय लोगों का कहना है बारिश के कारण शौचालय भरभरा कर गिर पड़ा. शौचालय में आराम कर रहे असहाय लोग समय रहते शौचालय से निकल गए नहीं तो बड़ी जनहानि हो सकती थी. अब सोचने वाली बात यह है कि जब निर्माणाधीन शौचालय ही पहली बरसात में गिर सकता है तो आप अंदाजा लगा सकते हैं, कि शौचालय निर्माण में जो सामग्री इस्तेमाल हो रही होगी उसकी गुणवत्ता क्या है.