मथुरा : भारत माता की जय के नारे लगा रहे ये युवा शहीद पंकज सिंह नोहवार के पैतृक गांव जरेलिया के रहने वाले हैं. जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर इस गांव की आबादी 25 सौ है, लेकिन इस गांव के लगभग हर घर से एक बेटा फौज में नौकरी कर रहा है और यहां के युवा देश की रक्षा के लिए सेना में जाना चाहते हैं.
एक बेटा हुआ शहीद तो क्या जरेलिया में बच्चा-बच्चा फौजी है...
बड़गांव में एयर फोर्स का चॉपर बुधवार को क्रैश हो गया था. जिसमें मथुरा का बेटा पंकज सिंह नोहवार शहीद हो गए थे. जिसके बाद शहीद के गांव के लोग शोक में है, वहीं गांव के युवाओं का कहना है कि वे सब अब फौज में जाने की तैयारी कर रहे हैं और देश की रक्षा के लिए सरहद पर तैयार होने के लिए तैयार हो रहे हैं.
हम बात कर रहे हैं शहीद पंकज सिंह नोहवार के पैतृक गांव जरेलिया की. बुधवार को कश्मीर के बड़गांव में एयर फोर्स का चॉपर क्रैश में पंकज शहीद हो गए थे. जिसके बाद गांव के लोगों में शोक तो है, लेकिन इसके बाद भी यहां के युवा फौज में जाने को तैयार हैं. युवाओं का कहना है कि हमारा एक भाई शहीद हो गया है, लेकिन इसके बाद भी हम सब फौज में जाने की तैयारी कर रहे हैं और सरहद पर जाकर देश की रक्षा करेंगे.
बता दें शहीद पंकज के गांव से लगभग हर घर से कोई बेटा, पिता या भाई फौज में हैं. वहीं पूरे गांव में करीब चार सौ लोग आर्मी से रिटायर्ड हो चुके हैं. पंकज के शहीद होने बाद अब गांव के शोक में है. वहीं गांव के युवाओं का कहना है कि वे सभी देश की रक्षा के लिए सेना में जाने की तैयारी कर रहे हैं और सरहद पर जाकर देश के लिए जान भी न्योछावर कर देंगे.