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पैतृक गांव पहुंचा शहीद दुष्यंत का पार्थिव शरीर, सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई - Tribute to martyr Dushyant with military honors

मथुरा में जब शहीद दुष्यंत का पार्थिव शरीर पैतृक गांव किशनपुर पहुंचा तो अंतिम दर्शन करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. लोगों ने नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई दी.

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पैतृक गांव पहुंचा शहीद दुष्यंत का पार्थिव शरीर

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Published : Oct 12, 2022, 3:06 PM IST

मथुरा:महावन तहसील में मंगलवार को शहीद हुए वायु सेना के जवान 21 वर्षीय दुष्यंत का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा. यहां नम आंखों से जवान को अंतिम विदाई दी गई. शहीद हुए जवान के अंतिम संस्कार में शहीद के पैतृक गांव के साथ-साथ आसपास के गांव के लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. वहीं, बेटे का पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया. बताया जा रहा है कि ट्रेनिंग के दौरान पैराशूट न खुलने पर दुष्यंत काफी ऊंचाई से गिर गए. घायल सैनिक को अस्पताल में भर्ती कराया गया. उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई.

जनपद मथुरा के महावन क्षेत्र के गांव किशनपुर के रहने वाले 21 वर्षीय दुष्यंत उर्फ दाऊ वर्ष 2020 में वायु सेना में भर्ती हुए थे. दुष्यंत की तैनाती बागडोगरा वेस्ट बंगाल में थी. दुष्यंत हमेशा की तरह ट्रेनिंग कर रहे थे. परिजनों के अनुसार शुक्रवार को जैसे ही वह विमान से पैराशूट लेकर नीचे कूदे तो तकनीकी खराबी के कारण उनका पैराशूट नहीं खुल पाया और वह जमीन पर गिर पड़े. इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

शहीद दुष्यंत के पिता ने दी जानकारी

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वायु सेना ने जैसे ही परिजनों को दुष्यंत के घायल होने की जानकारी दी तो दुष्यंत के पिता सुरेश पाराशर बेटे के पास पहुंच गए. रविवार को दुष्यंत की मौत हो गई .वहीं, मंगलवार देर शाम को शहीद दुष्यंत का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव किशनपुर लाया गया. यहां हजारों की संख्या में लोग गांव पहुंचे. पूरे सैनिक सम्मान के साथ दुष्यंत का अंतिम संस्कार किया गया.

शहीद हुए बेटे दुष्यंत के बारे में पिता सुरेश पाराशर ने कहा कि गर्व है मुझे ऐसे बेटे पर जो देश के लिए शहीद हुआ और गर्व है मुझे ऐसी मां पर जिसने ऐसा शेर बच्चा पैदा किया. मुझे सरकार से किसी भी प्रकार की कोई आशा और उम्मीद नहीं है. मेरे बेटे ने अपना फर्ज निभाया है. वह अपने पिता के लिए इतना कर गया है कि मैं जीवन भर बैठ कर खा सकता हूं. मेरा बेटा अपना फर्ज निभा कर शहीद हुआ है.

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