उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

शहीद सिपाही भेद जीत सिंह को राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई, गांव में शोक की लहर

जालौन में ड्यूटी के दौरान शहीद मथुरा के सिपाही भेद जीत सिंह का शव बुधवार को अपने पैतृक आवास पहुंचा. यहां उन्हें राजकीय उन्हें अंतिम विदाई दी गई. यूपी पुलिस में शामिल होने से पहले सिपाही भेद जीत सिंह ने सेना में भी अपनी सेवाएं दी थीं.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : May 11, 2023, 8:04 AM IST

शहीद सिपाही भेद जीत को देर रात दी गयी अंतिम विदाई

मथुराः जालौन उरई हाईवे पर पिकेट के साथ ड्यूटी कर रहे सिपाही भेद जीत सिंह की मंगलवार को बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. शहीद सिपाही का पार्थिव शरीर बुधवार देर रात को मथुरा के बलदेव थाना क्षेत्र चौरबर पहुंचा. इस दौरान शहीद के परिवार के साथ ही पुलिस विभाग और पूरे क्षेत्र के लोगों ने नम आंखों से शहीद सिपाही को अंतिम विदाई दी. शहीद सिपाही का शव उनके पैतृक गांव पहुंचते ही कोहराम मच गया. अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हूजूम इकट्ठा हो गया. शव पहुंचने की सूचना पर पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया. पूरे गांव में शोक की लहर है.

शहीद सिपाही भेद जीत सिंह

शहीद सिपाही भेद जीत सिंह 2002 में सेना में भर्ती हुए थे और पहली तैनाती जबलपुर में हुई थी. उसके बाद जैसलमेर राजौरी पठानकोट में कर्तव्य निष्ठा के साथ सेना में ड्यूटी की. साल 2019 में सेना के हवलदार पद से भेज जीत सिंह रिटायर हुए और यूपी पुलिस में आवेदन किया. 2021 में चयन होने के बाद 6 महीने की ट्रेनिंग की गई और जनपद जालौन के उरई कोतवाली में पहली तैनाती हुई थी.

जालौन के कानपुर झांसी हाईवे पर पुलिस पिकेट के साथ बाइक सवार सिपाही भेद जीत सिंह ड्यूटी कर रहे थे. मंगलवार को ड्यूटी के दौरान सिपाही को हाईवे पर कुछ लोगों को आते दिखे, जैसे ही उन्होंने उन पर टॉर्च की रोशनी मारी. उसी समय सामने से बदमाश ने तमंचे से फायरिंग कर दी. गोली लगने से सिपाही भेद जीत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई. घटना की सूचना पर मौके पर पुलिस के आला अधिकारी पहुंचे. लेकिन, तब तक बदमाश मौके से फरार हो चुके थे.

राजकीय सम्मान के साथ शहीद सिपाही को दी गई अतिंम विदाई

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय ने बताया शहीद सिपाही ने कर्तव्य निष्ठा के साथ ड्यूटी करने के दौरान अपने प्राण न्योछावर कर दिए. पूरा देश सिपाही के कर्तव्य को नमन करता है. राष्ट्रीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई. वहीं, शहीद सिपाही भेद जीत सिंह के शहीद होने की सूचना मिलने के बाद परिवार में दुख का पहाड़ टूट पड़ा. शहीद भेद जीत सिंह (45) परिवार में 6 भाइयों में से चौथे नंबर पर थे. एक भाई रणवीर सिंह चंडीगढ़ आईओसी में नौकरी कर रहे हैं. जबकि तीन भाई सतवीर, रघुवीर और महाजीत गांव में रहकर खेती करते हैं. शहीद के पिता नारायण सिंह और माता सुखदेवी बेटे के शहीद होने पर गम में है.

ये भी पढ़ेंःकानपुर में लोहा व्यापारी को बदमाशों ने फिल्मी अंदाज में मारी गोली और सात लाख रुपये लूट ले गए

ABOUT THE AUTHOR

...view details