मथुरा : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद भी जिले में संसाधनों की कमी के चलते अस्पताल में मरीजों की लंबी लाइन देखने को मिल रही है. यह लाइन कोई और नहीं बल्कि कोविड-19 की सैंपलिंग कराने के लिए आए मरीजों की लाइन है. रजिस्ट्रेशन होने के घंटों बाद सैंपलिंग का नंबर आता है. सैंपलिंग पूरी होने के बाद रिपोर्ट आने में 3 से 4 दिन लग जाते हैं. क्योंकि जनपद में मात्र एक टेस्टिंग लैब है, जिसमें 100 से 150 मरीजों की रिपोर्ट ही आ पाती है.
जिला अस्पताल में मरीजों की लगी लाइन
प्रदेश सरकार कोविड-19 को लेकर चाहे जितने वादे कर ले, लेकिन जमीनी हालात कुछ और ही तस्वीरें बयां करते हैं. जनपद में संसाधनों की कमी के चलते मरीजों की संख्या में हर रोज कई गुना इजाफा होता नजर आ रहा है. जिला अस्पताल के ट्रॉमा विंग सेंटर में मरीजों की कोविड-19 सैंपलिंग की जा रही है.
जनपद में एकमात्र टेस्टिंग लैब
कोविड-19 सेंपलिंग के लिए जनपद में एकमात्र पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सालय विज्ञान विश्वविद्यालय परिसर में लैब स्थापित है, जिसमें प्रतिदिन 100 से अधिक मरीजों की रिपोर्ट तैयार होती है. जनपद में प्रतिदिन सैंपलिंग के लिए जिला अस्पताल के ट्रॉमा विंग सेंटर में सुबह 10:00 बजे से लेकर 12:00 बजे तक रजिस्ट्रेशन कराया जाता है. इस दौरान लगभग 200 से अधिक लोगों का रजिस्ट्रेशन होता है. वहीं घंटों इंतजार के बाद डॉक्टर सैंपलिंग करने के लिए आते हैं. इसके बाद सैंपलिंग को लैब में टेस्टिंग के लिए भेज दी जाती हैं.