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यहां ब्रज दूल्हे की अनुमति के बिना नहीं शुरु होती लट्ठमार होली - होली 2021

यूपी के मथुरा स्थित बृज की होली लट्ठमार होली विश्व प्रसिद्ध है. जिले के बरसाना में एक प्राचीन मंदिर स्थित है जिसे ब्रज दूल्हा मंदिर के नाम से जाना जाता है. यहां कृष्ण भगवान की अनुमति के बिना लट्ठमार होली शुरु नहीं होती है.

ब्रज दूल्हे की अनुमति के बिना नहीं शुरु होती लट्ठमार होली
ब्रज दूल्हे की अनुमति के बिना नहीं शुरु होती लट्ठमार होली

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Published : Mar 11, 2021, 7:37 PM IST

मथुरा: राधा कृष्ण की प्रेम लीला में बृज की लट्ठमार होली विश्व प्रसिद्ध मानी जाती है. नंद गांव के ग्वाला बरसाना की लट्ठमार होली होरियारन हर्षोल्लास के साथ खेलते आ रहे हैं. लेकिन बरसाना का एक प्राचीन मंदिर जहां ब्रज दूल्हा यानी कृष्ण भगवान की अनुमति के बगैर लट्ठमार होली शुरु नहीं होती है. बता दें कि यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. बरसाना कस्बे के मेन बाजार में भूमिया गली है जहां ब्रज दूल्हा का प्राचीन मंदिर बना हुआ है.

23 मार्च को बरसाना में लठमार होली
जनपद मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर बरसाना राधा रानी की जन्मस्थली के नाम से विख्यात है. विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली नंद गांव के होरियारे ग्वाला बरसाना की होरियारन बड़े धूमधाम के साथ लट्ठमार होली खेलती हैं. बरसाना में सदियों से चली आ रही परंपरा आज भी कायम है. बता दें कि 23 मार्च को विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली खेली जाएगी.

ब्रज दूल्हे की अनुमति के बिना नहीं शुरु होती लट्ठमार होली

ऐसे नाम पड़ा बृज दूल्हा
जब कृष्ण भगवान सर्वप्रथम बरसाना में होली खेलने के लिए पहुंचे थे तब सैकड़ों की संख्या में गोपीकाओं को देखकर घबरा गए और एक मंदिर में जाकर छिप गए थे. जब राधा जी कान्हा को ढूंढते हुए मंदिर में पहुंची तो उन्होंने देखा कि कान्हा जी छिपे हुए बैठे हैं. राधा जी ने कान्हा जी से कहा कि पहले आप ब्रज दूल्हा बनो फिर सभी गोपिकाएं आपके साथ लठमार होली खेलेंगी. तभी से कृष्ण भगवान ब्रज दूल्हा के नाम से विख्यात हुए.

यहां स्थित है ब्रज दूल्हा का प्राचीन मंदिर
बरसाना कस्बे के मेन बाजार स्थित भूमिया गली में प्राचीन ब्रज दूल्हा का मंदिर बना हुआ है. भगवान श्री कृष्ण की अनुमति मिलने के बाद बरसाना में लठमार होली बड़े धूमधाम के साथ खेली जाती है. यहां होली का भव्य नजारा देखने को मिलता है. लठमार होली खेलने और देखने के लिए देश ही नहीं विदेशों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं.

महिलाएं करती हैं तैयारी
लठमार होली खेलने के लिए बरसाना की गोपिकाएं एक महीने से तैयारियों में जुट जाती हैं. होली खेलने के लिए लठ तैयार किए जाते हैं. तो वहीं महिलाएं भी अपने खाने पीने की डाइट बढ़ा देती हैं. इस दौरान नए वस्त्र लहंगा-चुन्नी भी खरीदे जाते हैं. श्रंगार करके बरसाना की होरियारन नंद गांव के हुरियारों पर प्रेम भाव से लठ बरसाती हैं.

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