मथुराःकान्हा की हर लीला निराली है. राधा कृष्ण के प्रेम का प्रतीक यह नगरी तमाम लीलाओं से भरी पड़ी है. धार्मिक स्थल वृंदावन के पौराणिक राधा वल्लभ मंदिर में ठाकुर जी को शीत ऋतु का आनंद देने के लिए यहां खिचड़ी महोत्सव चल रहा है. इस महोत्सव में भगवान ने छलिया का रूप धारण कर अपने भक्तों को दर्शन दिया.
खिचड़ी महोत्सव: कान्हा ने छलिया का रूप धारण कर भक्तों को दिए दर्शन - radhaballabh temple mathura
मथुरा के राधावल्लभ मंदिर में खिचड़ी महोत्सव चल रहा है. ठाकुर जी ने खिचड़ी महोत्सव में छलिया का रूप धारण कर अपने भक्तों को दर्शन दिए.
प्राचीन राधा वल्लभ मंदिर में चल रहे खिचड़ी महोत्सव में ठाकुर जी को शीत ऋतु का आनंद देने और सर्दी से बचाने के लिए गर्म चीजों का भोग लगाया जा रहा है. इसी क्रम में खिचड़ी और अन्य गरम वस्तुओं का भगवान को भोग लगाया जा रहा है. वहीं कान्हा हर रोज अपने नए रूप में अपने भक्तों को दर्शन दे रहे हैं.
मंदिर के सेवायत कृष्ण मुरारी ने बताया कि राधा वल्लभ लाल को एक महीने पौष शुक्ल दोज से 1 महीने तक खिचड़ी का भोग सुबह मंगला आरती से पूर्व लगता है. मंगला आरती के बाद में छगन वेष की झांकियों के दर्शन होते हैं. छगन वेष का मतलब, ठाकुर जी ने अपनी प्रिय से मिलने के लिए तरह-तरह के वेष धारण किए हैं. सर्दियों के दिन है, इसलिए अपने लाडले को उनके श्रद्धालु, उनके प्रियजन उनको गरम-गरम चीजों का भोग लगाते हैं. इस दौरान कान्हा ने छलिया का रूप धारण कर श्रद्धालु भक्तों को दर्शन दिया.