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देश की संपदा सोना-चांदी नहीं, धरती और नदियां हैं: धर्मपाल सिंह

यूपी के मथुरा में सोमवार को सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने बैठक की. बैठक में धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. इस दौरान धर्मपाल सिंह ने कहा कि देश की संपदा सोना-चांदी नहीं बल्कि धरती और नदियां हैं.

सिंचाई मंत्री ने की बैठक.

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Published : Jul 29, 2019, 11:19 PM IST

मथुरा: जिले में आए सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. सिंचाई मंत्री ने डीएम सर्वज्ञ राम मिश्र को निर्देश दिया कि वह सिंचाई विभाग से संबंधित सभी अधिकारियों से फोन वार्ता करके स्थिति की निरंतर समीक्षा करते रहें. उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन नहरों में अवैध कुलाबों को काट कर पानी भरा जा रहा है, ऐसे कुलाबों की लिस्ट तैयार करें, जिससे उनको रोकने की कार्रवाई की जा सके.

सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने की बैठक.

जानें क्या बोले सिंचाई मंत्री-

  • मथुरा के अंदर 1,100 तालाबों का निर्माण किया जा रहा है.
  • इन तालाबों को भरने के लिए ऐसी योजनाएं बनाई जाएंगी, जिससे यह तालाब गंगा के शुद्ध पानी से भरे जा सकें.
  • उत्तराखंड सरकार से वार्ता करके टिहरी बांध से अतिरिक्त पानी लिया जाएगा.
  • प्रदेश सरकार नदियों की सफाई एवं विलुप्त होने वाली नदियों को संरक्षण देने के लिए विशेष कार्य कर रही है.
  • इसके लिए कैबिनेट में भी प्रस्ताव पारित किया गया है.
  • जो नदियां प्रदेश में विलुप्त हो गई हैं, उनकी खुदाई एवं उनको पुनर्जीवित करने के लिए कार्यवाही की जा रही है.
  • इसी प्रकार नदियों की सफाई के लिए भी योजना बनाकर कार्यवाही की जा रही है.
  • किसानों को पर्याप्त मात्रा में पानी पहुंचाना एवं आमदनी को दोगुना करने की सरकार की मंशा है.
  • जनपद में सिंचाई हेतु रजवाह, कुलाबा और अल्पिका कमेटियों का गठन किया जाएगा, जिससे किसान खेत में पानी ले सकें.

प्रत्येक दशा में नहरों के टेल तक पानी पहुंचे. प्रतिवर्ष 15 जून तक सभी नहरों की सफाई करा लेनी चाहिए, जिससे किसानों के लिए पानी समय पर उपलब्ध रहे. सभी अधिकारी एक सप्ताह के अंदर अपने सभी लैंडलाइन फोन को ठीक करा लें, जिससे उनसे लैंडलाइन पर वार्ता हो सके और यह भी जानकारी मिल सके कि अधिकारी अपने कार्यालय में उपस्थित हैं या नहीं.

जल समितियों का गठन कर किसानों को पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराएं. देश की संपदा सोना-चांदी नहीं बल्कि धरती और नदियां हैं. जब किसानों के लिए भरपूर मात्रा में पानी उपलब्ध होगा तो देश में हरित क्रांति का दौर आएगा. सभी किसान खुशहाल होंगे. जब किसान खुशहाल होगा तो देश भी विकास की ओर अग्रसित होकर नई-नई उपलब्धियां प्राप्त करेगा.
-धर्मपाल सिंह, सिंचाई मंत्री

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