मथुरा: जनपद में इनकम टैक्स का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसको सुनकर आप दंग रह जाएंगे. जी हां इनकम टैक्स विभाग ने एक ई-रिक्शा चालक को तीन करोड़ 47 लाख रुपये का नोटिस भेज दिया. नोटिस देखकर रिक्शा चालक के होश उड़ गए. इससे परेशान वह न्याय के लिए ठोकरें खाता रहा, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई. अब उसने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है.
दरअसल, जनपद के हाईवे थाना क्षेत्र के अंतर्गत अमर कॉलोनी बाककलपुर का रहने वाला प्रताप सिंह ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पालन पोषण करता है. प्रताप सिंह के अनुसार, उसे बैंक खाते में पैन कार्ड लगाने के लिए पैन कार्ड की आवश्यकता पड़ी. इसके चलते प्रताप ने 15 मार्च 2018 को एक जन सुविधा केंद्र से पैन कार्ड बनवाने के लिए संपर्क किया और सभी दस्तावेज भी दिए. जन सुविधा केंद्र संचालक ने प्रताप को एक माह के अंदर पैन कार्ड मिलने की बात कही, लेकिन 2 माह बीतने के बाद भी जब प्रताप को पैन कार्ड नहीं मिल पाया तो वह एक बार फिर से जन सुविधा केंद्र पर पहुंचा, जहां से उसे पता चला कि 31 मार्च 2018 को प्रताप का पैन कार्ड बनकर तैयार हो गया है.
प्रताप कूरियर की दुकान पर पहुंचा, जहां से उसे पता चला कि उसका पैन कार्ड एक साइबर कैफे संचालक के पास है. काफी चक्कर लगाने के बाद साइबर कैफे संचालक ने उसे एक पैन कार्ड दे दिया. प्रताप सिंह के अनुसार वह कम पढ़ा लिखा है. वह नहीं समझ पाया कि वह पैन कार्ड असली है या नकली.
19 अक्टूबर 2021 को प्रताप के पास इनकम टैक्स विभाग से फोन आया और प्रताप को ऑफिस बुलाया. यहां उसे 3 करोड़ से ऊपर का नोटिस थमा दिया, जिसे देखकर प्रताप दंग रह गया. उसने सारी घटना विभाग के कर्मचारियों को बताई. कर्मचारियों ने उसे बताया कि उसके साथ किसी ने जालसाजी की है. किसी ने जीएसटी नंबर लेकर मोटा व्यापार किया है, जिसका टर्नओवर करोड़ों में है. इसकी शिकायत पुलिस में करो.