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इस गांव में सुहागन महिला नहीं रखतीं करवा चौथ का व्रत, जानें इसके पीछे क्या है राज - सुहागन महिला नहीं रखतीं करवा चौथ का व्रत

बताया जाता है कि राम नगला के इस रास्ते से होते हुए ब्राह्मण समाज की बेटी बुग्गी पर बैठकर पति के साथ ससुराल जा रही थी. तभी यहां के ठाकुर समाज के लोगों ने उस बुग्गी को रोक लिया. सुहागन महिला के पति पर भैंसा चोरी का आरोप लगाया गया. कहासुनी होने के बाद ठाकुर समाज के लोगों ने महिला के पति को पीट-पीटकर मार दिया.

इस गांव में सुहागन महिला नहीं रखतीं करवा चौथ का व्रत, जानें इसके पीछे क्या है राज
इस गांव में सुहागन महिला नहीं रखतीं करवा चौथ का व्रत, जानें इसके पीछे क्या है राज

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Published : Oct 22, 2021, 5:03 PM IST

मथुरा :सुहागन महिलाओं को करवाचौथ का बेसब्री से इंतजार रहता है. पति की दीर्घायु के लिए महिलाएं सोलह सिंगार कर करवा चौथ का व्रत करती हैं. लेकिन मथुरा जनपद का एक स्थान ऐसा भी है जहां करवा चौथ के व्रत नहीं किया जाता. महिलाएं ढाई सौ वर्षों से सोलह सिंगार नहीं करती. यह परंपरा आज भी कायम है. बताया जाता है कि यहां सती ने श्राप दिया था जिसके चलते सुहागन महिलाएं करवाचौथ का व्रत नहीं करतीं हैं.

इस गांव में सुहागन महिला नहीं रखतीं करवा चौथ का व्रत, जानें इसके पीछे क्या है राज

पति की दीर्घायु की कामना के लिए रखे जाने वाले व्रत करवाचौथ का महिलाओं को बेसब्री से इंतजार रहता है. पति के लिए महिलाएं हाथों में मेहंदी लगाती हैं व सोलह श्रृंगार करती हैं. करवा चौथ का व्रत रखा जाता है. वहीं, जनपद मुख्यालय से करीब चालीस किलोमीटर दूर एक सुरीर नाम का कस्बा भी है जहां के बघा गांव में सदियों से सुहागन महिलाएं करवा चौथ का व्रत नहीं रखती हैं.

इस गांव में सुहागन महिला नहीं रखतीं करवा चौथ का व्रत, जानें इसके पीछे क्या है राज

करवा चौथ का व्रत रखने पर होती है पति की मृत्यु

स्थानीय लोगों का कहना है कि बघा गांव में सुहागन महिलाएं अगर करवाचौथ का व्रत करती हैं तो पति की मृत्यु हो जाती है. गांव के बुजुर्गों का कहना है कि पहले कई महिलाओं ने सती के श्राप को नहीं माना और करवा चौथ का व्रत किया. कुछ ही दिन बाद सुहागन महिला के पति की मृत्यु हो गयी.

इस गांव में सुहागन महिला नहीं रखतीं करवा चौथ का व्रत, जानें इसके पीछे क्या है राज
ढाई सौ साल पुरानी बात

बताया जाता है कि राम नगला के इस रास्ते से होते हुए ब्राह्मण समाज की बेटी बुग्गी पर बैठकर पति के साथ ससुराल जा रही थी. तभी यहां के ठाकुर समाज के लोगों ने उस बुग्गी को रोक लिया. सुहागन महिला के पति पर भैंसा चोरी का आरोप लगाया गया. कहासुनी होने के बाद ठाकुर समाज के लोगों ने महिला के पति को पीट-पीटकर मार दिया.

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सुहागन महिला ने उसी स्थान पर श्राप दिया कि जिस तरह करवा चौथ के दिन मेरे पति की मौत हुई है, उसी तरह इस गांव में कोई भी सुहागन महिला करवाचौथ का व्रत नहीं कर सकेगी. अगर कोई महिला करवा चौथ का व्रत करेगी तो उसके पति की मृत्यु हो जाएगी.

बुजुर्ग महिला सरिता ने कहा कि इस गांव में उस सती की आन है कि कोई भी महिला करवा चौथ का व्रत नहीं करती. सुहागन महिलाएं माथे पर सिंदूर, रंग बिरंगी चूड़ियां भी नहीं पहनती हैं. कुछ महिलाओं ने शादी के बाद करवाचौथ का व्रत किया तो उनके पति की मृत्यु हो गई. सदियों से चली आ रही परंपरा आज भी यहां कायम है.

गांव की एक अन्य महिला सीमा ने बताया कि उसका पहला करवाचौथ है. परिवार में मना किया था कि करवा चौथ का व्रत पूजा नहीं होता है. इसलिए हम भी पूजा नहीं करेंगे. मन में काफी अरमान थे कि ससुराल में आकर पहला करवा चौथ होगा लेकिन परिवार के लोगों ने मना किया है. पूजा नहीं होती है.

पूनम ने बताया कि उसकी शादी को तीन साल हो चुके हैं. आज तक उसने करवा चौथ का व्रत नहीं किया. परिवार में सभी लोग मना कर देते हैं. इस गांव में सती की आन है कि कोई भी सुहागन महिला करवाचौथ का व्रत नहीं करती.

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