मथुरा :बुधवार को जनपद के जिला जज की कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्म भूमि मामले को लेकर दोपहर बाद सुनवाई शुरू हुई. कोर्ट में दो घंटे बहस होने के बाद मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को तय की गई है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अपनी बहस पूरी की. अब 12 अक्टूबर को प्रतिवादी पक्ष अधिवक्ता अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखेंगे. याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा 1967 में जो समझौता हुआ है, वह गलत है. डिक्री करने का अधिकार किसी ट्रस्ट को नहीं है. इसलिए यह डिक्री रदद् की जाए.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस की सुनवाई में 1967 की डिक्री को बताया गलत, 12 अक्टूबर को मुस्लिम पक्षकार रखेंगे अपना पक्ष बता दें कि पिछले साल 25 सितंबर को जिला जज की कोर्ट में कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर वाद दायर किया था. यह श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले की पहली पिटीशन भी थी. कृष्णभक्त रंजना अग्निहोत्री की याचिका पर जिला न्यायालय की कोर्ट में आज सुनवाई हुई. जिला न्यायालय की कोर्ट में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अपनी बात को कोर्ट के समक्ष रखी.
जिलाजज की कोर्ट में जन्मभूमि मामले को लेकर मुस्लिमपक्ष अधिवक्ता ने पिछली तारीख पर फिर से अपना पक्ष रखते हुए जन्मभूमि मामले को लेकर एतराज जताया. कहा कि यह केस सुनने लायक नहीं, इसलिए इसको खारिज कर देना चाहिए. बुधवार को दोपहर बाद याचिकाकर्ता अधिवक्ता ने न्यायालय के समझ जन्मभूमि मामले को लेकर विस्तृत जानकारी रखी. मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को तय की गयी है.
श्रीकृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक को लेकर पिछले साल दायर की गई याचिका कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री ने 25 सितंबर को दाखिल की थी. आज कोर्ट में प्रतिवादी पक्ष अधिवक्ता ने अपनी बात रखी. इसे सुनकर जज ने 12 अक्टूबर को इस संबंध में सुनवाई करने की बात कही.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस की सुनवाई में 1967 की डिक्री को बताया गलत, 12 अक्टूबर को मुस्लिम पक्षकार रखेंगे अपना पक्ष यह भी पढ़ें :जनसहयोग से मथुरा-वृंदावन को स्वच्छता में टॉप टेन शहरों में लाएं : श्रीकांत शर्मा
बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्रीकृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्रों में यह मांग की जा रही है कि पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. साथ ही दावा किया जा रहा है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट को डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.
कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री ने पिछले साल 25 सितंबर को जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर न्यायालय में पिटीशन दाखिल की गई जिसमें चार प्रतिवादी पक्ष बनाए गए. शाही ईदगाह कमेटी, सुन्नी वक्फ बोर्ड, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान और श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया है.
हरिशंकर जैन ने बताया कि आज श्रीकृष्ण जन्म भूमि मामले को लेकर जिला जज की कोर्ट में सुनवाई हुई. उन्होंने अपना पक्ष विस्तृत जानकारी के साथ न्यायालय के समक्ष रखा. इसे सुनने के बाद जज ने मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर तय की है. इस दिन सुन्नी वक्फ बोर्ड, शाही ईदगाह मस्जिद, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट और श्री कृष्ण जन्म स्थान सेवा संस्थान के अधिवक्ता अपना पक्ष रखेंगे.
वहीं, मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया आज याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की बहस लंबी चली. 12 अक्टूबर को हम अपनी बात कोर्ट के समक्ष रखेंगे. विवाद के संबंध में जो बात कही जा रही है, उसे लेकर हमने अपनी ओर से पहले भी जवाब दाखिल किया था. मथुरा शांतिप्रिय नगरी है. सब लोग मिलजुलकर रहते हैं. 1967 में जो समझौता हुआ था, उसकी याद 2021 मे आई है. तमाम मुद्दे हैं जिसे लेकर 12 अक्टूबर को अपनी बात दमदारी के साथ रखेंगे.