मथुरा: श्री कृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने मथुरा न्यायालय में शुक्रवार को एक याचिका डाली गई थी. सोमवार की सुबह 11 बजे सिविल जज सीनियर डिविजन छाया शर्मा ने केस की सुनवाई शुरू की. कुछ ही देर बाद श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में अगली सुनवाई 30 सितंबर तय की गई है और कोर्ट में वादी पक्ष को हाजिर होना होगा.
श्री कृष्ण जन्मस्थान मामले में 30 सिंतबर को होगी सुनवाई
12:41 September 28
सीनियर डिवीजन जज छाया शर्मा के यहां होगी सुनवाई
श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. इसमें श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और डेढ़ एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने शुक्रवार को श्री कृष्ण जन्मस्थान के मालिकाना हक को लेकर कोर्ट में याचिका डाली. इसमें श्री कृष्ण सेवा संस्थान और शाही ईदगाह कमेटी को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया है. अधिवक्ताओं ने कोर्ट से मांग की है कि श्री कृष्ण जन्मस्थान को मस्जिद मुक्त मंदिर बनाया जाए.
बता दें कि ब्रिटिश शासन काल में 1815 में नीलामी के दौरान बनारस के राजा पटनी मल ने इस जगह को खरीदा और 1940 में पंडित मदन मोहन मालवीय जब मथुरा आए तो श्रीकृष्ण जन्म स्थान की दुर्दशा को देखकर दुखित हुए. स्थानीय लोगों ने भी मदन मोहन मालवीय जी से कहा कि यहां भव्य मंदिर बनना चाहिए. मदन मोहन मालवीय ने मथुरा के उद्योगपति जुगल किशोर बिरला को जन्मभूमि पुनरुद्वार के लिए पत्र लिखा. 21 फरवरी 1951 में श्री कृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट की स्थापना की. इसके बाद 12 अक्टूबर 1968 को कटरा केशव देव मंदिर की जमीन का समझौता श्री कृष्ण जन्मस्थान सोसायटी द्वारा किया गया. वहीं 20 जुलाई 1973 को यह जमीन डिक्री की गई.
सिविल जज सीनियर डिविजन छाया शर्मा कोर्ट में 30 सितंबर बुधवार की सुबह 11 बजे श्री कृष्ण जन्मस्थान मामले को लेकर सुनवाई शुरू की जाएगी. कोर्ट में वादी पक्ष सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता को भी हाजिर होना होगा. कोर्ट द्वारा निर्णय लिया जाएगा कि श्री कृष्ण जन्मस्थान मामले की याचिका की सुनवाई आगे की जाए या फिर खारिज कर दिया जाए. फिलहाल कोर्ट की ओर से प्रतिवादी पक्ष को किसी प्रकार का कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है.