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22 मार्च को होगी श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में अगली सुनवाई - कृष्ण जन्मभूमि मामले की सुनवाई

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में पक्षकार बनने की मांग को लेकर दायर किये गए प्रार्थना पत्र पर आज जिला एवं सत्र न्यायालय में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद जिला एवं सत्र न्यायालय ने सभी नौ पक्षकारों के प्रार्थना पत्र को अस्वीकार कर दिया. मामले में अगली सुनवाई 22 मार्च को होगी.

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामला.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामला.

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Published : Jan 28, 2021, 8:48 AM IST

Updated : Jan 28, 2021, 5:24 PM IST

मथुरा: श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में गुरुवार को जिला एवं सत्र न्यायालय में पक्षकार बनने की मांग को लेकर पिछले दिनों दायर किए गए प्रार्थना पत्रों पर आज सुनवाई हुई. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अगली सुनवाई 22 मार्च तय की है. कोर्ट ने 9 पक्षकारों के प्रार्थना पत्र को अस्वीकार कर दिया है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में केवल चार प्रतिवादी पक्ष ही शामिल होंगे.

जानकारी देते अधिवक्ता.

कोर्ट ने 9 पक्षकारों के प्रार्थना पत्रों को किया अस्वीकार
जिला एवं सत्र न्यायालय में पिछले दिनों नौ पक्षकार अखिल भारतीय हिंदू महासभा, तीर्थ पुरोहित महासभा, चतुर्वेदी परिषद, अजय गोयल, वीरेंद्र अग्रवाल, विजेंद्र कुमार पोइया, डॉ. केशवाचार्य महाराज, योगेश कुमार चतुर्वेदी और योगेश उपाध्याय ने जन्मभूमि मामले में पक्षकार बनने की मांग को लेकर प्रार्थना पत्र दायर किया था. गुरुवार को कोर्ट ने बहस पूरी होने के बाद सभी पक्षकारों के प्रार्थना पत्र को अस्वीकार कर दिया.

बता दें कि कृष्ण भक्त अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने 25 सितंबर 2020 को जिला एवं सत्र न्यायालय में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विराजमान मालिकाना हक और परिसर को अतिक्रमण मुक्त बनाने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी.

चार प्रतिवादी पक्ष
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर दायर की गई याचिका में चार प्रतिवादी पक्ष शाही ईदगाह कमेटी, सुन्नी वक्फ बोर्ड, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट को मामले में प्रतिवादी बनाया गया है.

7 जनवरी के प्रार्थना पत्र पर नहीं हुई बहस
श्रीकृष्ण विराजमान मालिकाना हक के खिलाफ शाही ईदगाह कमेटी के अधिवक्ता तनवीर अहमद ने सात जनवरी को जिला एवं सत्र न्यायालय में प्रार्थना पत्र दायर किया था और कहा था कि प्रकीर्ण वाद में दर्ज होने के कारण सुनवाई योग्य नहीं है. इसलिए याचिका खारिज की जाए, लेकिन जिला एवं सत्र न्यायालय ने वादी और प्रतिवादी पक्ष अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद आपत्ति को स्वीकार करते हुए अब रिवीजन में सुनवाई होगी. कोर्ट में इस मामले को लेकर बहस नहीं हुई.

Last Updated : Jan 28, 2021, 5:24 PM IST

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