मथुरा:गोवर्धन पूजा देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. गिरिराज जी की नगरी गोवर्धन में दूरदराज से हजारों की संख्या में श्रद्धालु गिरिराज पर्वत की परिक्रमा लगाने के लिए पहुंच रहे हैं. गोवर्धन में पर्वत की ही पूजा होती है. संत महात्मा अपने हाथों से बने अलग-अलग प्रकार के व्यंजनों का भोग पर्वत को लगाएंगे. कुछ देर बाद संंतों की शोभायात्रा कस्बे में निकाली जाएगी. जानिए क्योंकि जाती है गोवर्धन पर्वत की पूजा.
गोवर्धन में होती पर्वत की पूजा
दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है, लेकिन इस बार सूर्य ग्रहण होने के कारण दिवाली के तीसरे दिन गोवर्धन पूजा की जा रही है. दूरदराज से हजारों की संख्या में श्रद्धालु गोवर्धन महाराज पर्वत की परिक्रमा करने के लिए गोवर्धन पहुंचे रहे हैं. गिरिराज जी को दूध चढ़ाने के साथ श्रद्धालु अलग-अलग व्यंजन अपने हाथों से तैयार करते हैं और भोग लगाते हैं.
द्वापर युग से चली आ रही परंपरा
द्वापर युग में कृष्ण भगवान ने इंद्रदेव का घमंड तोड़ कर ब्रज में अन्नकूट का पर्व प्रारंभ किया. बृजवासी अपने कन्हैया के लिए 56 तरह के व्यंजन तैयार करके भोग लगाते हैं. गोवर्धन पर्वत पर दूध अभिषेक करके श्रद्धालु अन्नकूट का पर्व मना रहे हैं. 6 हजार साल से चली आ रही परंपरा आज भी कायम है.