मथुरा : जिले में कई दिन पूर्व से ही होली दहन के समय रखे जाने वाली सुंदर-सुंदर मूर्तियां बनने लगी हैं. इसे मूर्ति बनाने वाले बड़ी लगन और मेहनत के साथ तैयार करते हैं. मूर्ति बनाने का काम होली आने से काफी दिन पूर्व से ही शुरू हो जाता है, जोकि होली आने से एक-दो दिन पहले तक ही खत्म हो पाता है.
होली दहन के लिये मूर्ति बनाने का काम हुआ शुरु
होली वसंत ऋतु में मनाए जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय त्यौहार है. यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. रंगों का त्यौहार कहा जाने वाला यह पर्व पारंपारिक रूप से दो दिन मनाया जाता है.
यह त्यौहार कई अन्य देशों जिनमें अल्पसंख्यक हिंदू लोग रहते हैं वहां भी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. त्यौहार के अनुसार, पहले दिन होलिका जलाई जाती है जिसे होलिका दहन भी कहते हैं. दूसरे दिन धूलिवंदन का त्यौहार मनाया जाता है.
लोग एक दूसरे पर रंग, अबीर, गुलाल इत्यादि फेंकते हैं. ढोल बजाकर होली के गीत गाए जाते हैं और घर-घर जाकर लोगों को रंग लगाया जाता है. गले मिलते हैं और मिठाईयां खिलाते हैं. ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और फिर से दोस्त बन जाते हैं.