मथुराःयूपीएससी की परीक्षा के परिणाम आने के बाद छात्र-छात्राओं के चेहरे खिल उठे हैं. शहर के माधव पुरी में रहने वाले सतीश चंद गौतम के छोटे पुत्र घनश्याम गौतम ने यूपीएससी की परीक्षा में 182वीं रैंक हासिल की है. घनश्याम गौतम एक मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं. उनके पिता दूध की डेरी चलाते हैं मां एक गृहणी हैं. परिवार में सबसे छोटे घनश्याम ने हार नहीं मानी और चौथी बार की परीक्षा में सफलता हासिल की. सबसे अहम बात यह है कि घनश्याम ने बिना कोचिंग की सहायता से अपने लक्ष्य को पूरा किया. घनश्याम के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.
बिना कोचिंग की सहायता से लक्ष्य को किया प्राप्त
घनश्याम गौतम ने 2008 में जनपद के श्रीजी बाबा विद्या मंदिर स्कूल से हाई स्कूल की परीक्षा पास की. उन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद बीएसए कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने मुंबई के आईटीआई इंस्टिट्यूट में दाखिला लिया. घनश्याम गौतम ने परीक्षा के लिए कभी भी कोई कोचिंग नहीं ली, बल्कि अपने दोस्तों के साथ एक ग्रुप बनाकर समय-समय पर तैयारियां करते रहते थे. घनश्याम गौतम प्रतिदिन घर पर 18 से 20 घंटे तक पढ़ाई करते थे. घनश्याम का 2017 में यूपीएससी की परीक्षा पास की थी. लेकिन इंटरव्यू के दौरान सलेक्शन नहीं हो सका था. वहीं, 2018 में भी लिस्ट में नाम नहीं आया और लगातार मेहनत करने के बाद 2021 की यूपीएससी की परीक्षा में 182वीं रैंक हासिल की.
चयनित अभ्यर्थी घनश्याम गौतम घनश्याम की मां गीता गौतम ने बताया बहुत अच्छा लग रहा है. आज उनका बेटे ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की है वह घर में रहकर बहुत पढ़ाई करता था. वह केवल 4 घंटे की नींद लिया करता था, भाई बहन में सबसे छोटा है. उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी बेटी शीलू गौतम और दूसरे नंबर का बेटा रमन बिहारी गौतम वर्तमान में बैंक में नौकरी कर रहा है. वहीं, तीसरे नंबर पर लक्ष्मी गौतम और चौथे नंबर पर घनश्याम गौतम हैं. पढ़ेंः UPSC Topper श्रुति शर्मा का मंत्र, निरंतरता ही सफलता की सीढ़ी घनश्याम गौतम ने बताया अपना लक्ष्य पूरा करके बहुत अच्छा लग रहा है. यह उनका चौथा अटेंड और वह बहुत मेहनत करते हैं. भोलेनाथ के आशीर्वाद से श्री जी बाबा विद्या मंदिर से 2008 में हाईस्कूल की परीक्षा पास की. 2010 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने के बाद बीएसए कॉलेज से बीएससी की परीक्षा पास की. इसके बाद मुंबई आईआईटी कॉलेज में मास्टर की डिग्री हासिल की. सिविल सर्विसेज की परीक्षा की तैयारी शुरू करने के बाद लोगों के लिए कुछ करने का जज्बा मन में रहता था. बिना कोचिंग की सहायता से सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की है.
सतीश गौतम ने बताया परिवार में खुशी का माहौल है. बड़े बूढ़ों का आशीर्वाद मिला है. बच्चों ने बचपन से बहुत मेहनत की है उसी का परिणाम है कि आज सिविल सर्विसेज की परीक्षा में घनश्याम ने अपनी सफलता खुद लिखी है.
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