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वृंदावन में अगले सात दिनों तक भागवत कथा करेंगे पूर्व डीजीपी

यूपी के मथुरा में रविवार को बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय एक कथावचक के रूप में दिखे. कथा की शुरूआत होने से पहले कार्यक्रम के उद्घाटन के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे पहुंचे. गुप्तेश्वर पांडेय की भागवत कथा वृंदावन में अगले सात दिनों तक चलेगी.

कथावाचक बने पूर्व डीजीपी.
कथावाचक बने पूर्व डीजीपी.

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Published : Jul 25, 2021, 10:47 PM IST

मथुरा:बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय (Former Bihar DGP Gupteshwar Pandey) अपने त्यागपत्र के बाद पहली बार धर्म की नगरी वृंदावन में भागवत कथावाचक के रूप में नजर आए. पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय कभी खाकी की वर्दी में नजर आते थे. वह आज वृंदावन में संत की वेशभूषा में भागवत कथा कहते नजर आए. गुप्तेश्वर पांडेय के कथा कार्यक्रम का उद्घाटन करने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे पहुंचे. वृंदावन में गुप्तेश्वर पांडेय की भागवत कथा अगले सात दिनों तक चलेगी.

अब कथावाचक के रूप में नजर आएंगे पूर्व डीजीपी.

बिहार में रॉबिन हुड के नाम से सुर्खियां बटोरने वाले पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय (Former Bihar DGP Gupteshwar Pandey) रविवार को खादी की वेशभूषा में कथावाचक के रूप में नजर आए. धर्म की नगरी वृंदावन में सावन महीने के पहले दिन भागवत कथा का शुभारंभ करने पहुंचे केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने दीप जलाकर भागवत कथा का शुभारंभ किया. पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय रविवार से अगले सात दिनों तक भागवत कथा कहते नजर आएंगे.

बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का नया अवतार देखकर स्थानीय लोग अचंभित रह गए. गुप्तेश्वर पांडेय बिहार में 33 वर्षों तक पुलिस की सेवा के दौरान 25 जिलों के प्रभारी और आईजी, डीआईजी के पद पर रहे. वह अपने कारनामों के चलते हमेशा चर्चा में रहते थे. फिलहाल गुप्तेश्वर पांडेय फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह की मौत के बाद चर्चा में आए. उन्होंने रिया चक्रवर्ती पर बयान देकर खूब सुर्खियां बटोरी थीं. इससे पहले पूर्व डीजीपी बिहार में शराबबंदी की वकालत करने के दौरान मीडिया के सामने सुर्खियों में रहे थे.

पूर्व डीजीपी व कथावाचक गुप्तेश्वर पांडेय ने बताया कि सावन के पहले दिन वृंदावन में अपनी भागवत कथा शुरू की है. कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री अश्वनी चौबे पहुंचे. भागवत कथा के रूप में पहली बार नजर आ रहा हूं. डीजीपी पद के दौरान मैंने प्रदेश के 26 जिलों में सेवाएं प्रदान की है. पहले सोचा था कि राजनीति में जाऊंगा, लेकिन एक संत के रूप में अच्छा लग रहा है.

उन्होंने कहा कि राजनीति करना हर एक किसी के बस की बात नहीं है. प्रभु के चरणों में रहकर मन में सुकून शांति मिलेगी. मनुष्य जब बड़ा होता है तो पहले बच्चा रहता है, फिर युवावस्था होती है, फिर बुजुर्ग हो जाता है. मैंने अपना जीवन अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए भगवान के चरणों में समर्पित किया है.
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