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हाथी संरक्षण केंद्र में यूसुफ पठान ने हाथियों के साथ बिताया समय, जाना हालचाल - वाइल्ड लाइफ एसओएस संस्था

पूर्व भारतीय क्रिकेटर यूसुफ पठान मथुरा में संचालित हाथी संरक्षण केंद्र का भ्रमण किया. इस दौरान उन्होंने हाथियों के साथ कुछ समय बिताया और एसओएस संस्था के पदाधिकारियों से बातचीत की.

यूसुफ पठान.
यूसुफ पठान.

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Published : Sep 18, 2021, 8:11 PM IST

Updated : Sep 18, 2021, 10:56 PM IST

मथुराःपूर्व भारतीय क्रिकेटर यूसुफ पठान शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर जिले में पहुंचे. इस दौरान वाइल्ड लाइफ एसओएस द्वारा फरह में संचालित हाथी संरक्षण केंद्र का भ्रमण कर हाथियों के साथ कुछ समय बिताया. यूसुफ पठान ने बीमार हाथियों का हालचाल जाना और वाइल्डलाइफ एसओएस संस्था के पदाधिकारियों से मुलाकात भी की.

यूसुफ पठान ने हाथी संरक्षण केंद्र का किया भ्रमण.

दरअसल यूसुफ पठान वाइल्ड लाइफ एसओएस संस्था के साथ पिछले 15 सालों से जुड़े हुए हैं. यूसुफ पठान का संरक्षण केंद्र का यह तीसरा दौरा था. इस दौरान वाइल्डलाइफ एसओएस की पशुचिकित्सा सेवाओं के उप-निदेशक डॉ. इलयाराजा ने यूसुफ पठान को घायल, बीमार, वृद्धावस्था से बचाए गए हाथियों की देखभाल के कार्य के बारे में विस्तृत जानकारी भी दी. उन्होंने युसूफ पठान को नेत्रहीन हथनी नीना से मिलवाया, जिसे इस साल ही रेस्क्यू कर अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया है.

क्रिकेटर को उसकी सभी चिकित्सा प्रक्रियाओं के बारे में भी बताया. इसके साथ ही यूसुफ पठान को जारा हथनी से भी मिलवाया गया, जिसे 2020 में बचाया गया था. यूसुफ पठान ने वाइल्डलाइफ एसओएस के कर्मचारियों के लिए कैप और तस्वीरों पर ऑटोग्राफ भी दिए. इस दौरान उन्होंने हाथियों के सरंक्षण और देखभाल के लिए संस्था के पदाधिकारियों का धन्यवाद दिया.

पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान ने कहा कि हाथी संरक्षण केंद्र आकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. हाथियों को देखकर मैं अपने शब्द बयां नहीं कर सकता. संस्था के साथ पिछले 15 वर्षों से बेजुबान जानवरों के सहानीय कार्य को देखते हुए जुड़ा हुआ हूं.

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बता दें कि पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान पिछले 15 वर्षों से वाइल्ड लाइफ एसओएस संस्था से जुड़े हुए हैं. यूसुफ पठान सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक करते हैं और पशु प्रेमियों के लिए संदेश लिखते रहते हैं. हाथी संरक्षण केंद्र 2017 में पहली बार पहुंचे थे, जहां उन्होंने घायल हाथियों का इलाज करते हुए डॉक्टरों को देखा था. बता दें कि जनपद के फरह क्षेत्र में हाथी संरक्षण केंद्र 2010 में स्थापित हुआ था. वर्तमान में यहां 25 हाथियों की देखरेख अनुभवी पशु चिकित्सक और अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ की जा रही है.

Last Updated : Sep 18, 2021, 10:56 PM IST

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