मथुरा:आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी यह गांव आज भी विकास को तरस रहा है. हर रोज जलभराव की समस्या (water logging problem)के अलावे यहां सड़क और पानी की समस्या को लेकर ग्रामीणों में खासा आक्रोश है. यही कारण है कि यहां के ग्रामीणों ने आगामी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election - 2022) में मतदान का बहिष्कार (boycott of voting) करने का निर्णय लिया है.
साथ ही गांव के युवाओं ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वे अबकी वोट नहीं करेंगे. हालांकि, इसके पीछे की वजह पर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि हर बार चुनाव से पहले नेताजी अपने लुभावने वादे करते हैं. लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी गांव में आज तक कोई विकास कार्य नहीं हुआ है.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं, मथुरा जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित गोवर्धन तहसील के गांव कोनहई की, जो आज भी विकास से कोसों दूर है. यहां के स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो विधानसभा चुनाव हो या फिर लोकसभा चुनाव, हर बार सियासी दलों के प्रत्याशी गांव में वोट को आते हैं और लुभावने वादे कर चले जाते हैं.
लेकिन चुनाव जीतने के बाद यहां कोई नेता आज तक नहीं आया. यही कारण है कि आजादी के इतने साल बीतने के बाद भी यहां विकास दूर की कौड़ी बनी हुई है. शायद यही वजह है कि गांव के युवाओं से लेकर बुजुर्गों ने तक अबकी विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का मन बना लिया और इस बाबत ग्रामीणों की ओर से घोषणा भी कर दिया गया है.