मथुरा:प्रसिद्ध भागवत प्रवक्ता अनिरुद्धाचार्य द्वारा प्रवचन के दौरान महिलाओं की सुंदरता पर की गई अनर्गल टिप्पणी के विरोध का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं, उनके बयान को लेकर जगह-जगह लोगों द्वारा प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं. हालंकि भागवत प्रवक्ता ने व्यासपीठ से अपनी इस टिप्पणी पर स्पष्टीकरण देते हुए माफी मांगी थी. स्थानीय हिंदूवादी कार्यकर्ता द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने भागवत प्रवक्ता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है.
भागवत प्रवक्ता अनिरुद्धाचार्य ने कुछ समय पहले प्रवचन के दौरान स्त्रियों का अति सुंदर होना अवगुण बताया था. साथ ही ये भी कहा था कि माता सीता और द्रौपदी के साथ घटित हुईं घटना को भी सुंदरता का कारण बताया था. इस पर प्रख्यात कवि डाक्टर कुमार विश्वास ने आपत्ति जताते हुए ट्वीट भी किया था. भागवत प्रवक्ता के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी वायरल हुआ और तूल पकड़ता गया. इसी बीच हिंदूवादी कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर भागवत प्रवक्ता के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया. वहीं, कई संगठनों द्वारा कोतवाली में तहरीर देकर भागवत प्रवक्ता के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई है.
भागवत प्रवक्ता अनिरुद्धाचार्य शिकायतकर्ता ने जानकारी दी: शिकायतकर्ता पवन शर्मा ने बताया कि भागवत प्रवक्ता है अनिरुद्धाचार्य जी उन्होंने मातृशक्ति माता सीता और द्रौपदी पर टिप्पणी की है. भागवत प्रवक्ता ने जो कथा मंच जो महिलाओं के लिए बोल वो चाणक्य नीति द्वारा लिखा गया है. यह किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा लिखा गया है, ये भगवान पर लागू नहीं होता है. मैंने इस मामले में एफआईआर कराई है, जो कानूनी प्रक्रिया है उसके हिसाब से प्रवक्ता को दंड मिलना चाहिए इस पर जो न्यायालय निर्णय लेगा वह मान्य होगा.
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश कौशिक ने बताया कि भागवत प्रवक्ता अनिरुद्धाचार्य ने जो माता सीता और द्रौपदी पर जो बयान दिया है. वह बहुत ही निंदनीय है. अनिरुद्धाचार्य के ऐसे बयानों का हिंदू महासभा कड़ी निंदा करता है और शासन प्रशासन से मांग करता है. वह इस मामले में एफआईआर हुई है उस पर जांच कराकर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि कुछ भागवत प्रवक्ता सनातन धर्म को नष्ट करने में लगे हुए हैं. कभी किसी देवी देवता पर टिप्पणी कर देना और फिर बाद में माफी मांग लेना यह न्याय हित में नहीं है. आपने सनातन धर्म का अपमान किया है और आप को उस बात की सजा मिलनी चाहिए. यही हमारी मांग है.
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