मथुराः भारी संख्या में किसानों ने बुधवार को पैदल मार्च करके कलेक्ट्रेट पहुंचे. यहां उन्होंने जमकर नारेबाजी की और मुख्यमंत्री के नाम विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. इस दौरान किसानों को सिंचाई बंधुओं का समर्थन मिला. किसानों ने बताया कि नालों (ड्रेन) की सफाई न होने के चलते किसानों को गेहूं की फसल की बुवाई करने में भी समस्या हो रही है. अधिकारी कह रहे हैं कि डीएपी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, जबकि दुकानदार उसे अधिक कीमत पर बेच रहे हैं.
किसानों ने बताया कि आवारा पशुओं के चलते किसानों को कटीले तार लगाने पड़ रहे हैं, लेकिन आवारा पशुओं की व्यवस्था करने की बजाय प्रशासन किसानों को परेशान कर रहा है. हर प्रकार की कमर्शियल वाहनों पर ओवरलोडिंग चल रही है, लेकिन ट्रैक्टर-ट्रॉली पर किसानों के चालान काटे जा रहे हैं. जल्द ही इन समस्याओं को शासन प्रशासन द्वारा दूर नहीं किया गया, तो किसान उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.
किसानों ने गिनाई समस्याएं
पैदल मार्च कर ज्ञापन सौंपने पहुंचे किसानों ने बताया कि जनपद भर में आज भी लगभग 10 हजार से अधिक हेक्टेयर भूमि जलमग्न है, जिसके चलते गेहूं की फसल की बुवाई नहीं की जा सकती. इसका कारण है कि जनपद भर में लगभग ढाई सौ ड्रेन हैं अगर वह ड्रेन समय रहते साफ किए जाते तो किसानों को समस्या नहीं होती. धन पूरा आवंटित हुआ, लेकिन फिर भी प्रशासन की और संबंधित विभाग की अराजकता के चलते किसान शिकार हुए काम नहीं हुए. इसका परिणाम हजारों करोड़ों रुपये का किसानों का जो नुकसान हुआ वह कुछ दुष्ट अफसरों की वजह से हुआ. ऐसे अफसरों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.