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मथुरा का यह परिवार है खास, निभा रहा 200 पुरानी परंपरा

देश के अलग-अलग राज्यों में विजयादशमी के दिन रामलीला का आयोजन होता है. वहीं मथुरा के वृंदावन में भी एक परिवार ऐसा है जो 200 सालों से इस परम्परा का निर्वहन करता आ रहा है. इस परिवार के लगभग सभी सदस्य रामलीला के दौरान राम से लेकर रावण तक का किरदार निभाते हैं.

परिवार के सदस्य 200 साल से परंपरा निभा रहे हैं.

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Published : Oct 9, 2019, 6:14 AM IST

मथुरा: जिले में एक परिवार ऐसा है जो करीब 200 साल पुरानी परंपरा का निर्वहन करता चला आ रहा है. शर्मा परिवार के लगभग सभी सदस्य रामलीला में रामायण के राम से लेकर रावण तक का किरदार निभाते हैं. वृंदावन का शर्मा परिवार रामायण में पीढ़ी दर पीढ़ी इन किरदारों को निभाता चला आ रहा है और रामलीला के मंच पर जीता आ रहा है.

परिवार के सदस्य 200 साल से परंपरा निभा रहे हैं.


बखूबी निभा रहे पुरखों की परंपरा
वृंदावन की परिक्रमा मार्ग स्थित पुरानी काली दह निवासी रामशरण शर्मा अपने पुरखों की परंपरा को बखूबी निभाते चले आ रहे हैं. पुष्टिमार्गीय ब्रज रासलीला और रामलीला संस्थान के अध्यक्ष रामशरण शर्मा अपने परिवार के साथ रामायण में भगवान राम के साथ-साथ लक्ष्मण, शत्रुघ्न, भरत और रावण जैसे किरदार निभा रहे हैं.

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परिवार के सदस्य निभाते हैं भूमिका
राम से लेकर रावण तक विश्वामित्र से लेकर मारीच तक सब एक ही परिवार के सदस्य है और ये सभी लोग भाई हैं. बता दें कि उनके चचेरे भाई घनश्याम शर्मा रावण का रोल करते हैं और कृष्ण गोपाल भरत का रोल अदा करते हैं. इनके भांजे देवदत्त शर्मा लक्ष्मण की भूमिका रामायण में निभाते हैं. इसके साथ ही प्रेमचंद के बड़े भाई रामशरण शर्मा श्री पुष्टिमार्गीय रासलीला रामलीला संस्थान के संयोजक भी हैं. इन्हीं की देखरेख में यह मंडली काम करती है.


परिवार है बहुमुखी प्रतिभा का धनी
स्वामी रामशरण की पुत्री पूनम शर्मा ने बताया कि उनके परदादा गोपीजन बल्लभ के द्वारा इस परंपरा को शुरू किया गया था. उनके बाद घासीराम और उनके पुत्र गोकलेश और उनके पुत्र रामशरण और प्रेमचंद शर्मा इस परंपरा को लगातार निभा रहे हैं. इनके पुत्र कृष्ण गोपाल शर्मा और अजय शर्मा रामलीला का संयोजन करते हैं. रामायण में विभिन्न किरदार निभा रहा परिवार बहुमुखी प्रतिभा का धनी है.

घनश्याम शर्मा के अभिनय का लोहा मथुरा से लेकर पूरे देश में माना जाता है. अगर रामलीला की बात करें तो वह दशरथ, परशुराम और रावण तीनों का अभिनय कर लेते हैं, जबकि कृष्ण लीला में बखूबी कंस के रूप में खूब सराहे जाते हैं. एक खास बात और है कि इस परिवार की सभी सदस्य को रामायण के सारे संवाद कंठस्थ याद है.

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