मथुरा: आर्मी में भर्ती होने की चाह में युवक ने अपने ही घर में लूट की झूठी घटना को रच डाला. दरअसल, राया थाना क्षेत्र के अंतर्गत जोगपुरा गांव के रहने वाले दिलीप सिंह ने 25 अगस्त की रात्रि उसके साथ चार हथियारबंद बदमाशों द्वारा बंधक बनाकर घर में रखे हुए लाखों रुपए लूट ले जाने की पुलिस को सूचना दी थी .जिसके बाद से ही पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई थी. पुलिस ने छानबीन में पाया कि युवक दिलीप सिंह ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर इस लूट की घटना को रच डाला था. युवक फर्जी तरीके से आर्मी में रिश्वत देकर भर्ती होना चाहता था, जिसके चलते युवक ने घर में लूट की घटना को रचा था.
युवक ने फर्जी तरीके से रिश्वत देकर आर्मी में भर्ती होने के लिए अपने घर में ही झूठी लूट की घटना को रख डाला. दरअसल, युवक की उम्र निकल चुकी थी और वह सेना में भर्ती होना चाहता था. जिसके चलते युवक ने अपने बड़े भाई की दुकान के सामान की बिक्री से प्राप्त हुए रुपए लेने के लिए लूट की घटना रच डाली.
जानकारी देते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर ने बताया कि जनपद के थाना राया में 25 अगस्त की रात्रि गांव जोगपुरा से एक सूचना प्राप्त हुई कि 4 बदमाशों द्वारा घर में घुसकर घर के ही एक व्यक्ति को बंधक बनाकर के साढ़े चार लाख रुपए से ऊपर की रकम लूट ली गई है. सूचना प्राप्त होते ही तत्काल मौके पर सभी उच्च अधिकारी, एसपी क्राइम और पुलिस की सभी टीम मौके पर पहुंच गई. मौके पर पहुंचकर अधिकारियों द्वारा घटना का निरीक्षण किया गया.
वहीं इस घटना का सफल अनावरण कर लिया गया है. जिस व्यक्ति द्वारा यह घटना रिपोर्ट की गई थी. दिलीप सिंह जो कि उसी घर का रहने वाला है. उसके द्वारा अपने ही घर में पड़े 141900 रुपए जो कि उसकी भाई की दुकान का कलेक्शन था, उसको एक तरह से अपने कब्जे में ले लिया गया, और एक झूठी लूट की घटना की रचना की गई. जिसमें दिलीप सिंह के द्वारा अपराधियों के माध्यम से अपने ऊपर हमला कराए जाने और कैश लूट ले जाने की बात बताई.
पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि दिलीप सिंह आर्मी भर्ती में कई बार असफल रह चुका था, और पिछले कुछ दिनों से ऐसे लोगों के संपर्क में था जो कथित रूप से रिश्वत लेकर के आर्मी में भर्ती कराते थे. उन्हीं को पैसा देने के लिए दिलीप सिंह ने यह पूरी घटना रची थी. गहनता से पूछताछ में यह भी बात सामने आई कि इसके द्वारा भरतपुर के पते का अपना झूठा आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज उसी क्षेत्र में रहने वाले एक और व्यक्ति से बनवाए गए थे. यह इस मौके की तलाश में था कि झूठे दस्तावेज जो और पैसे के बल पर कहीं न कहीं दिलीप सिंह अपनी भर्ती करा लेगा. परंतु इस घटना का सफल अनावरण कर लिया गया है.