मथुरा: जिला कारागार मथुरा में निरुद्ध बंदियों द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण किया गया .जिला कारागार प्रशासन ने कैदियों से कारागार प्रांगण में वृक्ष लगावाए .वहीं उन्हें वृक्षारोपण का महत्व बताते हुए कहा कि अपनी सजा काटने के बाद कारागार से बाहर निकलने पर वृक्षारोपण करने के लिए भी प्रेरित किया. जिला कारागार प्रशासन ने बताया कि जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों को इसबार प्रेरित किया जा रहा है कि वह अपनी सजा पूरी करने के बाद जब जेल से बाहर निकले तो वह बाहर भी अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं क्योंकि वृक्ष हमारे जीवन में पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण महत्व रखते हैं.
मथुरा के जेलर महा प्रकाश सिंह ने बताया कि जिला कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कल 4 जून को वीडियोग्राफी कर कारागार विभाग के सभी अधिकारियों को यह निर्देशित दिया कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कारागार में बंदियों द्वारा वृक्षारोपण का कार्यक्रम कराया जाए ,मंत्री जी के आदेश के बाद बंदियों द्वारा ही वृक्षारोपण कार्यक्रम कराया .यह कार्यक्रम विगत 15 दिनों से चल रहा था .अभी तक जिला कारागार में कुल 50 पौधे लगाए जा चुके हैं, 100 पौधे और लगाए जाएंगे. जुलाई के महीने में 200 से ढाई सौ फलदार वृक्ष लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है
पर्यावरण दिवस पर कैदियों ने वृक्षारोपण कर पेड़ लगाने का लिया संकल्प
मथुरा जिला जेल में कैदियों ने पर्यावरण दिवस पर पेड़ लगाने का संकल्प लिया. जेलर महा प्रकाश सिंह ने कहा कि जेल में 15 दिनों से यह अभियान चलाया जा रहा है. उन्होने कहा कि इस बार बंदियों को वृक्षारोपण के लिए प्रेरित किया गया था. उन्होने कहा कि इसबार जुलाई तक 200 वृक्ष लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है.
पढ़ेंः World Environment Day: क्यों मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस,क्या है इस बार की थीम?
जेलर महा प्रकाश सिंह ने बताया कि कारागार मंत्री जी का यह मानना है कि अगर जिला कारागार में कैदी वृक्षारोपण करेंगे तो वह पर्यावरण के लिए मोटिवेट होंगे, वह अपनी सजा काटने के बाद जेल से बाहर निकलने के बाद अपने खेतों में अपने बगों में और आसपास वृक्षारोपण करेंगे ,जिससे पर्यावरण में सुधार होगा.मंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 के समय कितने लोगों ने ऑक्सीजन की वजह से अपनी जान भी गंवा दिए जब हमें ऑक्सीजन वृक्षों से मिल रहा है. तो हमें वृक्ष लगाना भी चाहिए .
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप