मथुराःजिला कारागार में बंद पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के तीन सदस्यों से प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद जिला कारागार में पूछताछ की गई है. पीएफआई के मामले में लखनऊ एसटीएफ की टीम जांच कर रही है. पिछले दिनों पीएफआई के सदस्यों के बयान विपरीत पाए गए. इसलिए कोर्ट की अनुमति से ईडी की टीम ने दोबारा पूछताछ की.
तीन घंटे तक जिला कारागार में पूछताछ की. पांच अक्टूबर को हुए थे गिरफ्तार
जनपद के मांट टोल प्लाजा पर पीएफआई के चार सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. जिनके पास से लैपटॉप, मोबाइल, जस्टिस फॉर हाथरस पंपलेट बरामद हुए. पुलिस ने चारों पीएफआई के सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था.
ईडी ने 12 अक्टूबर को की थी पूछताछ
12 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय डिप्टी डायरेक्टर विनय कुमार के नेतृत्व में 12 सदस्य टीम मथुरा पहुंची थी. सीजेएम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद पीएफआई के चारों सदस्यों से अलग-अलग पूछताछ करने के बाद ईडी की टीम को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं.
पुलिस द्वारा पकड़े गए चारों आरोपी अतीकुर्रहमान, आलम, सिदिक और मसूद के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया गया था. पकड़े गए चारों अभियुक्तों प्रदेश के मुजफ्फरनगर, रामपुर, बहराइच, सिदीक केरल के चरोर मलपपुरम के निवासी हैं.
ईडी की टीम ने जिला कारागार में की पूछताछ
अपर जिला सेशन न्यायाधीश प्रथम कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय की टीम जिला कारागार में बंद पीएफआई के सदस्य अतीकुर्रहमान, सिद्दीकी और मसूद से पूछताछ करने पहुंची. इस दौरान ईडी ने लगभग तीन घंटे तक जिला कारागार में पूछताछ की.
पीएफआई सदस्यों के बयान विपरीत हुए थे दर्ज
पीएफआई मामले में लखनऊ एसटीएफ की टीम पूरे मामले की जांच कर रही है. कुछ अहम दस्तावेज एसटीएफ की टीम ने न्यायालय में पेश किए. वहीं प्रवर्तन निदेशालय टीम ने न्यायालय के समक्ष बयानों की कॉपी दाखिल की तो पीएफआई के सदस्यों के बयान विपरीत दिखाई दिए. जिसके चलते प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने न्यायालय की अनुमति मिलने के बाद पीएफआई के तीन सदस्यों से दोबारा पूछताछ की है.
पूछताछ की कोर्ट ने दी अनुमति
शिवराम सिंह तरकर जिलाशासकीय अधिवक्ता ने बताया जिला कारागार में बंद पीएफआई के तीन सदस्यों से प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने दोबारा पूछताछ के लिए अपर जिला सेशन न्यायाधीश प्रथम की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया थी. जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए पूछताछ की अनुमति दे दी है.