मथुरा:जनपद की छाता कोतवाली क्षेत्र के गुहारी गांव में 5 मई 1997 को हुए ट्रिपल मर्डर हत्याकांड में प्रतिवादी पक्ष के छह आरोपियों को एडीजे 8 कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाते हुए 8500 रुपये का आर्थिक दंड लगाया गया है. इस मामले में वादी पक्ष के छह आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई गई थी.
पांच मई 1997 को छाता कोतवाली के गुहारी गांव में जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों में जमकर फायरिंग हुई थी, जिसमें गोली लगने से खचेरा, सुखी चंद और बालक राम की मौके पर मौत गई थी. मृतक के परिजनों ने ग्यारह लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. गुहारी गांव में राजनीतिक पार्टी बंदी के चलते दूसरे पक्ष के लोगों की तरफ से क्रॉस एफआईआर में नौ लोगों के खिलाफ धारा 307 में मुकदमा दर्ज कराया गया.
मथुरा ट्रिपल मर्डर केस: एडीजे 8 कोर्ट ने सुनाई दोषियों को सजा - गुहार हत्या कांड
यूपी के मथुरा जिले में लगभग 23 साल पहले हुए ट्रिपल मर्डर केस में एडीजे 8 कोर्ट ने छह आरोपियों को सात साल की सजा सुनाते हुए आठ हजार पांच सौ रुपये का आर्थिक दंड लगाया है.
एडीजे 8 कोर्ट ने गुहारी ट्रिपल मर्डर हत्याकांड का फैसला सुनाते हुए धारा 302 में छह आरोपियों, रति राम, ब्रज किशोर, नवल किशोर, जवाहर सिंह, सुरेश, बाली को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि तीन आरोपियों की ट्रायल के समय मौत हो गई थी. एक आरोपी जुवेनाइल कोर्ट से बरी कर दिया गया वहीं एक आरोपी राधाचरण अभी भी फरार चल रहा है.
राजनीति दबाव के चलते इस मामले में धारा 307 में नौ लोगों के खिलाफ क्रॉस एफआईआर दर्ज कराई गई थी जिनमें से तीन आरोपियों की ट्रायल के दौरान मौत हो गई. छह आरोपियों में तेज सिंह, महिपाल ,सुखराम, सुमेर सिंह, प्रेमचंद, विजय सिंह पर एडीजे 8 कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाते हुए 8500 रुपये का आर्थिक दंड लगाया है.
एडीजे 8 कोर्ट के एपीओ मदन मोहन पांडे ने बताया कोर्ट ने छह आरोपियों को सात साल की सजा सुनाते हुए 8500 रुपये का आर्थिक दंड लगाया गया. कुल नौ आरोपियों पर 307 की धारा में मुकदमा दर्ज कराया गया था. आज ही ट्रिपल मर्डर हत्याकांड में प्रथम पक्ष के छह लोगों पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.