मथुरा:शरद पूर्णिमा के मौके पर विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में बांके बिहारी महाराज ने मोर, मुकुट, कटि, कांछनी और बंसी धारण कर भक्तों को दर्शन दिए. इस दौरान धर्म की नगरी वृंदावन में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा. कान्हा की धुन में भक्त नाचते-गाते बांके बिहारी मंदिर पहुंचे. यहां भक्तों ने अपने आराध्य के दर्शन कर अपने आपको धन्य किया. देश के कोने-कोने से पहुंचे श्रद्धालु भक्तों ने सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार अपने नटखट नंद गोपाल कान्हा के दर्शन किए.
दर्शन कर मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु
बता दें कि साल में एक बार केवल शरद पूर्णिमा के दिन ही बांके बिहारी महाराज स्वर्ण-रजत जड़ित सिंहासन पर विराजमान होकर अपने भक्तों को दर्शन देते हैं. इस अनुपम झांकी के दर्शन करने के लिये आये देश-विदेश के श्रद्धालु भक्तों का सुबह से ही सैलाब उमड़ पड़ा, जिसके चलते मंदिर से करीब आधा किलोमीटर तक भक्तों की लाइन लगी रही.
बांके बिहारी के दर्शन कर मंत्र मुग्ध हुए श्रद्धालु. कोविड-19 की गाइडलाइन का हुआ पालन
जहां प्रबन्धन द्वारा कोविड-19 के अनुपालन में की गई व्यवस्थाओं के अनुसार ही श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश कराया जा रहा था. वहीं पुलिसकर्मी भी भीड़ को नियंत्रित करने एवं भक्तों को कतारबद्ध करने में जुटे रहे. श्रद्धालुओं ने जब मन्दिर के आंतरिक परिसर में चन्द्रमा की धवल चांदनी में श्वेत पोशाक व विशेष श्रृंगार से सुसज्जित एवं बंशी धारण किए अपने आराध्य ठाकुर बांके बिहारी की मनोहर झांकी को देखा तो एकटक निहारते रह गए और हाथ उठाकर जयघोष करने लगे, जिससे समूचा परिसर बांके बिहारी की जय-जयकार से गूंज उठा.
खीर से लगाया ठाकुर जी का भोग
वहीं शरद पूर्णिमा के पावन मौके पर मंदिर का वातावरण भी भक्तों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था. जहां ठाकुरजी का श्वेत रंग का शृंगार के अलावा परदे सहित सम्पूर्ण मन्दिर परिसर को भी सफेद रंग के ही गुब्बारे आदि से सजाकर भव्यता प्रदान की गई थी. यहां तक कि ठाकुर जी का प्रसाद भी सफेद रंग की खाद्य सामग्री खीर आदि से ही लगाया गया.
वृंदावन में उमड़ी भीड़
शरद पूर्णिमा के मौके पर ठाकुर बांके बिहारी महाराज ने जयपुर से आए सोने चांदी के आभूषण और दिल्ली से आई श्वेत रंग की पोशाक धारण कर अपने श्रद्धालु भक्तों को दर्शन दिए. देश के कोने-कोने से भक्तों का सैलाब धर्म की नगरी वृंदावन में उमड़ पड़ा. सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत प्रशासन द्वारा भारी पुलिस बल को भीड़ को नियंत्रण करने के लिए लगाया गया. वहीं कान्हा की मनोहारी छवि देख श्रद्धालु भक्त मंत्रमुग्ध हो गए और काफी देर तक कान्हा को निहारते रहे. श्रद्धालु भक्तों का कहना था कि प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं के चलते पहली बार कान्हा के इतनी अच्छी तरह से दर्शन हो पाए हैं.