मथुरा: कार्तिक पूर्णिमा को कार्तिक माह के समापन पर सोमवार को धर्म नगरी वृंदावन में प्रातः से ही धार्मिक कार्यक्रमों की धूम मची रही. सेवाकुंज स्थित श्री राधादामोदर मन्दिर में कार्तिक मास की यह पूर्णिमा महारास पूर्णिमा के रूप में हर्षोल्लास से मनाई गई. यहां महारास की अदभुत झांकी सजायी गयी और ठाकुर श्री राधादामोदर महाराज ने भक्तों को रास-रासेश्वरी स्वरूप में दर्शन दिए.
श्रद्धालुओं ने श्री राधादामोदर मंदिर में महारास झांकी के किए दर्शन
उत्तर प्रदेश के मथुरा में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्री राधादामोदर मन्दिर में यह पूर्णिमा महारास पूर्णिमा के रूप में हर्षोल्लास से मनाई गई. इस दिन श्री राधादामोदर महाराज ने भक्तों को रास-रासेश्वरी स्वरूप में दर्शन दिए.
साल में एक बार पूर्णिमा के ही दिन इस अनुपम छटा में होने वाले दर्शनों का लाभ लेने के लिए देश-विदेश के सैकड़ों श्रद्धालु भक्त शाम को मन्दिर के पट खुलते ही मन्दिर प्रांगण में एकत्रित होने लगे. जहां भक्तों ने दीपदान किया और संकीर्तन करते हुए अपने आराध्य के दर्शन किए और आन्नदित होकर जयघोष करने लगे. इससे समूचा मन्दिर प्रांगण धार्मिक धुनों एवं जयकारों से गुंजायमान हो उठा.
भगवान महारास रुप में देते हैं दर्शन
धर्म नगरी वृंदावन में सेवा कुंज स्थित श्री राधादामोदर मंदिर में कार्तिक मास की पूर्णिमा महारास पूर्णिमा के रूप में हर्षोल्लास से मनाई गई. जानकारी देते हुए सेवायत दामोदर चंद्र गोस्वामी ने बताया कि कार्तिक मास का अंतिम दिन जिसको कार्तिक पूर्णिमा एवं महारास पूर्णिमा के नाम से जानते हैं. इस दिन ठाकुर जी महारास रूप में दर्शन देते हैं. उन्होंने बताया कि आज के दिन राधा दामोदर मंदिर में श्री राधादामोदर जी अपनी अष्ट सखियों के साथ महारास रचाते हैं. जिसमें राधा वृंदावन चंद्र, राधादामोदर, ललिता सखी, राधा माधव आदि सारे भगवानों के साथ ठाकुर जी का विशेष दर्शन होता है. इस दिन ठाकुर जी को नई श्वेत पोशाक पहनाई जाती है. ठाकुर जी को विशेष रबड़ी और अनेक पकवानों का भोग लगता है. इस दौरान काफी भक्त आते हैं और ठाकुर जी से प्रार्थना करते हैं.