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अहोई अष्टमी आज, श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

मथुरा में अहोई अष्टमी पर लाखों श्रद्धालु राधा कुंड में विशेष स्नान करते हैं. मान्यता है कि द्वापर युग में इस कुंड का निर्माण स्वयं राधा जी और कृष्ण भगवान ने मिलकर किया था. इस कुंड को पुत्र प्राप्ति कुंड भी कहा जाता है.

जानिए क्या है महत्व
जानिए क्या है महत्व

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Published : Oct 29, 2021, 6:59 AM IST

Updated : Oct 29, 2021, 8:50 AM IST

मथुरा: गिरिराज जी की नगरी गोवर्धन के राधाकुंड में अहोई अष्टमी की मध्यरात्रि 12:00 बजे लाखों श्रद्धालुओं ने राधा कुंड में स्नान किया. स्नान पुत्र प्राप्ति की मनोकामना के साथ पति पत्नी एक साथ कुंड में डुबकी लगाते नजर आए. इस कुंड को पुत्र प्राप्ति कुंड भी कहा जाता है. द्वापर युग में इस कुंड का निर्माण स्वयं राधा जी और कृष्ण भगवान ने मिलकर किया था. विशेष स्नान को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए. पुलिस बल के साथ पीएसी भी तैनात की गई थी. पर्व पर विदेशी श्रद्धालु भी स्नान करते नजर आए.

अहोई अष्टमी पर विशेष स्नान
जनपद मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर गोवर्धन कस्बा के राधाकुंड जहां अहोई अष्टमी पर्व की मध्य रात्रि 12:00 बजे पति पत्नी एक साथ मिलकर कुंड में स्नान करते नजर आते हैं. इस कुंड को पुत्र प्राप्ति कुंड भी कहा जाता है. मान्यता चली आ रही है कि जिन महिलाओं के सन्तान नही होती वह महिला अपने पति के साथ मिलकर अहोई अष्टमी की मध्य रात्रि इस कुंड मैं स्नान करने से पुत्र की प्राप्ति होती है. सदियों से चली आ रही परंपरा आज भी कायम है. स्नान करने के लिए हर साल लाखों श्रद्दालु यहां आते हैं विदेशी श्रद्धालु भी मनोकामना पूर्ण करने के लिए यहां पहुंच कर स्नान करते है.

अहोई अष्टमी पर किया जाता है विशेष स्नान
पौराणिक मान्यता
द्वापर युग मथुरा का राजा कंस ने कृष्ण को मारने के लिए अरिष्ठा सुर नाम का राक्षस जिसने गाय के बछड़े का रूप धारण करके कृष्ण पर हमला करना चाहा. लेकिन कृष्ण त्रिलोकी थे. वह राक्षस को पहचान गए और उन्होंने राक्षस का वध कर दिया तभी राधा जी ने देखा कान्हा पर गाय हत्या का पाप लगा है. यह सुनकर कृष्ण भगवान ने पाप से मुक्ति पाने के लिए नारद मुनि का आह्वान किया. नारद मुनि ने कहा इस पाप से मुक्ति तभी मिलेगी जब सभी देवी देवताओं को यहां बुलाया जाए और सभी नदियों का जल इस कुंड में स्थापित हो. कृष्ण भगवान ने अपनी बांसुरी से एक कुंड की स्थापना की जिसका नाम था श्याम कुंड. राधा जी ने अपने कंगन से दूसरे कुंड की स्थापना की उस कुंड का नाम था राधा कुंड. इस कुंड में सभी देवी देवताओं का वास और सभी नदियों का जल सम्मिलित है. राधा जी ने कहा अहोई अष्टमी की मध्यरात्रि जो भी श्रद्धालु स्नान करेंगे उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएंगी और पति पत्नी एक साथ इस कुंड में स्नान करेंगे तो उनको पुत्र रत्न की प्राप्ति होगी.
लाखों श्रद्धालुओं राधा कुंड में विशेष स्नान करते हैं
स्नान को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
अहोई अष्टमी राधा कुंड में स्नान को लेकर जिला प्रशासन ने किए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम राधा कुंड परिसर को तीन सेक्टर पांच जोन में बांटा गया है, सभी सेक्टर पर एडिशनल एसपी तैनात किए गए हैं तो वहीं पुलिस बल के साथ अतिरिक्त पीएसी की कंपनी में तैनात की गई है कुंड मे स्नान करने के लिए प्रशासन ने व्यवस्थाएं किया वही गोताखोर भी तैनात किए गए हैं.



महिला श्रद्धालुओं ने बताया पुत्र प्राप्ति की मनोकामना को लेकर आज अहोई अष्टमी पर राधा कुंड में स्नान किया है. इस कुंड के बारे में बहुत बार लोगों से सुना है कि पति पत्नी एक साथ स्नान करते हैं तो साल भर के भीतर पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है.

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गौरव त्रिपाठी क्षेत्राधिकारी गोवर्धन ने बताया अहोई अष्टमी स्नान को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए हैं. पुलिस बल के साथ पीएसी की कंपनी भी तैनात की गई है, कुंड के पास गोताखोर लगाए गए हैं. दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो उसको लेकर खास व्यवस्थाएं की गई हैं. लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करने के लिए यहां पहुंचते हैं.



Last Updated : Oct 29, 2021, 8:50 AM IST

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