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यम द्वितीया आज, भाई-बहनों ने किया यमुना में स्नान

भाई-बहन के प्यार का प्रतीक भैया दूज का पर्व आज उत्साह के साथ मनाया गया. इस दौरान भाइयों के माथे टीकों से सजे दिखाई दिए. मथुरा में भाई-बहन एक साथ यमुना नदी में स्नान करके भैया दूज मना रहे हैं.

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Published : Nov 16, 2020, 12:44 PM IST

यमुना स्नान में स्नान करने पहुंचे श्रद्धालु
यमुना स्नान में स्नान करने पहुंचे श्रद्धालु

मथुरा: भाई-बहन का पर्व भैया दूज बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. कान्हा की नगरी में भाई-बहन एक साथ यमुना नदी में स्नान करके भैया दूज मना रहे हैं. आज के दिन यमुना में स्नान करने से यमराज के प्रकोप से मुक्ति मिलती है. दूरदराज से आए हजारों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करके मंदिर में दान-पूर्ण कर रहे हैं. इसे यम द्वितीया स्नान भी कहा जाता है. यमुना के घाटों पर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. सदियों से चली आ रही यह परंपरा आज भी कायम है.

यम द्वितीया आज
भाई-बहन करते हैं यमुना नदी में स्नान

शुक्ल पक्ष भैया दूज का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. शहर के विश्राम घाट पर स्थित विश्व का एकमात्र मंदिर भाई यमराज बहन यमुना जी का बना हुआ है. भाई-बहन यमुना नदी में स्नान करने के बाद इस मंदिर में दान-पुण्य करते हैं.

यमुना स्नान में स्नान करने पहुंचे श्रद्धालु

जिला प्रशासन ने किए सुरक्षा के इंतजाम

यम द्वितीया स्नान को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. यमुना नदी के किनारे बैरिकेडिंग और गोताखोर लगाए गए हैं. भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने खोया-पाया केंद्र भी लगाया है. सभी श्रद्धालुओं को निर्देश दिए गए हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ यमुना नदी में स्नान करें.

भैया दूज को यम द्वितीया स्नान भी कहा जाता हैं

शहर के विश्राम घाट स्थित यमुना नदी में स्नान करने से भाई-बहन को यमराज के प्रकोप से मुक्ति मिलती है. भैया दूज को यम द्वितीया स्नान भी कहा जाता है. दूरदराज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां आकर स्नान करते हैं. स्नान के बाद यमुना जी और धर्मराज के मंदिर में जाकर दान-पुण्य किया जाता है.

क्या है पौराणिक मान्यता

कहा जाता है कि हजारों वर्ष पूर्व सूर्यपुत्र यमराज सूर्यपुत्री यमुना मैया ने अपने भाई यमराज को अपने घर बुलाया था. बहन ने भाई की खूब खातिरदारी की, बहन की खातिरदारी से प्रसन्न होकर भाई यमराज ने एक वरदान मांगने को कहा. बहन यमुना जी ने भाई से कहा कि मेरे पास तो सब कुछ है, कृष्ण की पटरानी हूं, मेरे स्वामी संसार को सबकुछ देने वाले हैं कोई भला मुझे क्या कुछ दे सकता है. फिर भी यमराज ने एक वरदान मांगने को कहा तो बहन यमुना जी ने भाई से पूछा आपके प्रकोप से लोगों को मुक्ति कैसे मिलेगी? इस पर यमराज ने कहा कि शुक्ल पक्ष के दूज के दिन जो भी भाई-बहन विश्राम घाट पर आकर स्नान करेगा, उसे मेरे प्रकोप से मुक्ति मिल जाएगी. वह सीधा बैकुंठ में वास करेगा. इसके बाद यमराज और यमुना जी ने विश्राम घाट पर एक साथ स्नान किया. यमुना घाट पर प्राचीन काल का मंदिर आज भी स्थापित है. जहां आज भैया दूज पर भाई-बहन एक साथ यमुना नदी में स्नान कर रहे हैं.

यमराज और यमुना जी का प्राचीन मंदिर.

आज यम दुतिया पर भाई-बहन एक साथ मिलकर स्नान करते हैं और यमराज के प्रकोप से मुक्ति मिलती है. हम लोगों ने कई दिन पहले प्लानिंग बनाई थी कि मथुरा जाएंगे और यमुना नदी में एक साथ स्नान करेंगे. काफी अच्छा लगा है.

-वृंदा, श्रद्धालु

यमुना नदी में स्नान करके अच्छा लगा है, मैंने अपनी बहन के साथ यमुना नदी में डुबकी लगाई और मंदिर में जाकर दान-पुण्य भी करूंगा.

-अमित, श्रद्धालु

हम लोग कानपुर से आए हैं. भैया दूज के दिन यमुना नदी में स्नान होता है. इसके बारे में सुना था, आज हम लोगों ने मिलकर एक साथ स्नान किया है. यहां आकर बहुत अच्छा लगा है.

-आकाश, श्रद्धालु

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