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गांव में विकास की खुली पोल, ग्रामिणों ने बयां की हकीकत

मथुरा जिले के वृंदावन विधानसभा क्षेत्र में सकराया गांव है. यहां तीन हजार की आबादी रहती है. आज भी इस गांव के ग्रामीण विकास के लिए तरस रहे हैं. क्योंकि जो भी प्रधान इस गांव में वोट मांगने के लिए आता है, वही विकास कराने का दम भरता है. लेकिन समय सीमा खत्म हो जाने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्र में विकास कोसों दूर है.

सकराया गांव में नहीं हुआ विकास
सकराया गांव में नहीं हुआ विकास

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Published : Apr 14, 2021, 9:21 PM IST

मथुरा :प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बजते ही नेता जी गांव देहात में जाकर जनता को चुनावी लुभावने वादे करते नजर आ रहे हैं. लेकिन देहात क्षेत्र में पांच साल बीत जाने के बाद भी विकास कोसों दूर है. जनपद मुख्यालय से बीस किलोमीटर दूर मथुरा जिले के वृंदावन विधानसभा क्षेत्र में सकराया गांव है. यहां के ग्रामीण इलाके में बरसात के दिनों में सड़कों पर जलभराव, बिजली, पानी, सड़क की समस्या जस की तस बनी हुई है. सालों बीत जाने के बाद भी देहात क्षेत्र में विकास नहीं हुआ. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर प्रधान उम्मीदवार देहात क्षेत्र में विकास कराने का दम भर रहे हैं.

'नहीं पहुंचे सांसद और विधायक'

मथुरा से सांसद सिने स्टार हेमा मालिनी और वृंदावन विधानसभा सीट से प्रदेश ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को लोगों ने भारी वोट देकर अपना नेता चुना. लेकिन विकास कराने के लिए सकराया गांव में पिछले कई सालों से ना ही सांसद हेमा मालिनी और ना ही प्रदेश ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ही पहुंचे हैं. गांव के लोग तमाम समस्याओं से जूझ रहे हैं.'

गांव में विकास की खुली पोल

'खराब पड़े हैं गांव के हैंडपंप'

सकराया गांव में प्रधान द्वारा ग्रामीणों को पानी पीने के लिए हैंडपंप लगवाए गए थे, लेकिन अब वो भी खराब पड़े हुए हैं. ग्रामीण विकास के लिए तरस रहे हैं. क्योंकि बरसात के दिनों में जलभराव की समस्या, गांव में जल की निकासी ना होने के कारण चारों तरफ जलभराव हो जाता है. इसके चलते ग्रामीण आवाजाही में काफी दिक्कतें हो जाती हैं. वहीं देहात क्षेत्र में गर्मी के दिनों में बिजली की समस्या बनी रहती है.

'योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभ'

प्रधानमंत्री आवास योजना द्वारा लाभार्थियों के लिए आवास बनाने थे, लेकिन सकराया गांव में पिछले 5 वर्ष में तीन ही आवास ही बनाए गए. ग्रामीण क्षेत्र में विकास कराने के लिए जनता प्रधान से लेकर विधायक और विधायक से लेकर अधिकारियों के चक्कर काटते हैं.

सरिता ग्रामीण महिला ने बताया पिछले 15 सालों से इस गांव में विकास कार्य नहीं कराया गया है. जो भी प्रधान आते हैं, सड़कें खोदकर चले जाते हैं, उसके बाद कोई पलट कर नहीं देखता. बारिश के दिनों में भी जलभराव की समस्या होती है. आने जाने के लिए दिक्कतें बन जाती हैं. ईश्वरचंद ग्रामीण ने बताया इस गांव में विकास के लिए आज भी जनता तरस रही है. क्योंकि पिछले 5 वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नट बस्ती में 3 आवास बनाए गए हैं.

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छोटू ग्रामीण ने बताया कि चुनाव से पहले प्रधान उम्मीदवार गांव में विकास कराने का दम भरते हैं. लेकिन चुनाव जीत जाने के बाद इस गांव की ओर कोई नहीं देखता. जनता को गुमराह करके वोट ले लिए जाते हैं. मनोज ग्रामीण ने बताया कि सकराया गांव में पानी पीने के लिए हैंडपंप लगवाए गए थे, लेकिन वर्तमान स्थिति में खराब पड़े हुए हैं. कई बार शिकायतें की गईं लेकिन समस्या का निस्तारण नहीं किया गया.

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