मथुराः श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा समिति ने बृहस्पतिवार को इंटरनेशनल गेस्ट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर में बने अवैध निर्माण हटाने की मांग की. श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा समिति के सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने कहा कि पहले से ही अवैध कब्जा हटाने को लेकर न्यायालय में भी प्रार्थना पत्र दिए गए थे. न्यायालय ने सहयोग किया था लेकिन कुछ लोगों द्वारा परिसर से अवैध कब्जा नहीं हटाया गया. श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान पूरे परिसर का नगर निगम में वाटर टैक्स भी जमा करता आया है.
श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर में बने अवैध निर्माण हटाने की मांग
श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा समिति ने प्रेस कांफ्रेंस कर श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर में बने अवैध निर्माण हटाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान पूरे परिसर का नगर निगम में वाटर टैक्स भी जमा करता आया है.
गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियां यहां विराजमान थी. मूर्तियों को तोड़कर विदेशी आतंकियों ने मस्जिदों की सीढ़ियों में दबा दिया गया. जब भी मुसलमान मस्जिद में नमाज पढ़ने आएंगे तो इन मूर्तियों पर पैर रखकर गुजरेंगे और हिंदुओं की आस्था आहत होगी. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर को बनाने के लिए 20 वर्ष का समय लगा और 33 लाख रुपए की लागत आई. उन्होंने कहा कि औरंगजेब जब मथुरा आया था तो उसने मंदिर तोड़ने का फरमान जारी किया था. मथुरा का नाम बदलकर इस्लामाबाद रखा था. औरंगजेब जजिया लगाया करता था. 1670 में मंदिर तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया था. औरंगजेब के फरमान आज भी जोधपुर के महल में मौजूद है. उन्होंने कहा कि मंदिर की नींव बहुत ही विशाल होती थी. श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर की नींव के नीचे ही मस्जिद बनाई गई और आज भी भगवान श्री कृष्ण का मूल विग्रह मंदिर मस्जिद के नीचे दबा हुआ है.
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