मथुरा : प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के आदेश पर मथुरा में 28 अक्टूबर से लेकर 3 नवंबर तक दीपोत्सव मेले का आयोजन किया जाएगा. इस मेले का मकसद पथ विक्रेताओं, महिला एवं स्वयं सहायता समूह, स्थानीय कलाकारों और हस्तशिल्प व्यवसायियों के रोजगार को प्रोत्साहन देना है. सात दिवसीय महोत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. इस दौरान राधा-कृष्ण लोक नृत्य, मयूर नृत्य, भजन संध्या, कवि सम्मेलन, नुक्कड़ नाटक आदि कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे. इस संबंध में प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है.
मथुरा के मेयर डॉ. मुकेश आर्य बंधु ने बताया कि राज्य सरकार का यह निर्णय है कि जिस तरह से हमने जन्माष्टमी का पर्व मथुरा में मनाया था, उसी तरह से दीपोत्सव का पर्व भी मथुरा में मनाया जाए. इसके लिए रामलीला ग्राउंड का चयन किया गया है. वहां पर 28 तारीख से मेला शुरू होगा जोकि 3 तारीख तक चलेगा.
दीपावली महोत्सव मेले का आयोजन इस मेले का मुख्य उद्देश्य लोन लेकर अपना व्यवसाय शुरू करने वाले, छोटे दुकानदार, लक्ष्मी-गणेश भगवान की मूर्ति इत्यादि वस्तुओं की दुकान लगाने वाले, फूल-माला बेचने वाले लोग यहां पर अपने स्टॉल लगा सकते हैं. मेयर डॉ. मुकेश आर्य का कहना है कि मेले में छोटे-छोटे रेहड़ी वाले, ठेले वाले जब स्टॉल लगाएंगे तो इससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी. मेले में आने वाले लोग इनके सामानों को खरीदेंगे जिससे आमदनी में इजाफा होगा. मेले में आने वाले लोगों को भी एक ही जगह पर सारे सामान मिल जाएंगे.
डॉ. मुकेश आर्य बंधु का कहना है कि गरीबों की आय में वृद्धि करना इस मेले का मुख्य मकसद है. धार्मिक नगरी होने की वजह से दूरदराज के लोग यहां बहुत तादाद में आते हैं. दिवाली से लेकर भाईदूज तक लोग मथुरा, वृंदावन में रहते हैं और मंदिरों के दर्शन करते हैं. ऐसे में लोगों को इसका फायदा मिलेगा.
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