मथुरा: कोरोना संक्रमण के चलते छह माह पहले देश भर में लॉकडाउन किया गया था, जिस दौरान ट्रेनों के आवागमन पर भी पूरी तरह रोक लगाई गई थी. ऐसे में ट्रेनों पर निर्भर करने वाले कुलियों के सामने दो वक्त की रोटी का संकट खड़ा हो गया. अनलॉक लागू करने के बाद सरकार ने काफी हद तक ट्रेनों के संचालन की अनुमति दी, लेकिन अभी भी कुलियों की स्थिति में कोई सुधार नहीं आ पाया है.
मथुरा: अनलॉक के बाद भी पटरी पर नहीं आई कुलियों की गाड़ी
अनलॉक लागू करने के बाद ट्रेनों का संचालन तो शुरू हो गया, लेकिन ट्रेनों में सफर करने वालों की संख्या अभी भी कम है. इसके चलते कुलियों की जिंदगी अभी पटरी पर नहीं आ पाई है.
ट्रेनों पर निर्भर करने वाले कुलियों की स्थिति अनलॉक के बाद भी जस की तस है. मथुरा रेलवे स्टेशन पर लगभग 110 कुली हैं, जिनका घर ट्रेनों से आवागमन करने वाले लोगों के सामान को उठाने से चलता है. कुलियों का कहना है कि लॉकडाउन से पहले यात्रियों के सामान उठाने से किसी तरह घर का खर्चा निकलता था, लेकिन लॉकडाउन में दो वक्त की रोटी का प्रबंध करना भी मुश्किल हो गया.
कुलियों के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान उधार लेकर घर में बच्चों का पालन-पोषण किया. अभी तक सरकार की ओर से किसी भी तरह की मदद नहीं मिली है. कुलियों का कहना है कि सरकार ने फिलहाल ट्रेनों का संचालन शुरू तो कर दिया है, लेकिन फिर भी बोहनी तक नहीं हो पाती है. बहुत कम लोग ही ट्रेनों से सफर कर रहे हैं, जिस वजह से कुलियों की जिंदगी अभी पटरी पर नहीं आ पाई है. वहीं अपनी दिक्कतों को लेकर कुलियों ने सरकार से मदद की गुहार भी लगाई है.