मथुराः रविवार को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने जनपद वासियों को दो सीवेज प्लांट सहित 282.42 करोड़ से तैयार परियोजनाओं की सौगात दी है. प्रदेश के मुख्यमंत्री नदियों को स्वच्छ बनाने के लिए गंभीर होकर इस दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं. इन परियोजनाओं को 4 जगहों पर इंटरसेप्शन और डायवर्जन संरचनाएं बनाई जाएंगी. जिसकी कुल लंबाई 1.97 किलोमीटर रहेगी. इसके अलावा एक राइजिंग मेन लाइन भी इन नालों के लिए बनाई जाएगी, जिसकी लंबाई 9.29 किलोमीटर होगी. वहीं, नए एसटीपी की कुल क्षमता 60 एमएलडी की होगी, जिसका उद्धाटन जल्द किया जाएगा.
बता दें कि रविवार को जन्माष्टमी के अवसर पर कान्हा की नगरी मथुरा को नमामि गंगे राष्ट्रीय मिशन ( Namami Gange National Mission) के तहत 282.42 करोड़ रुपए की लागत वाली दो सीवेज परियोजनाओं को सीएम द्वारा हरी झंडी दे दी गई. जहां नए एसटीपी की क्षमका वाला एमएलडी रहेगी. इसके साथ ही 66 मिलियन लीटर रोजाना क्षमता वाला एसटीपी बनकर तैयार हो गया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की नदियों को साफ सुथरा बनाने के लिए उसमें गिर रहे सीवर और औद्योगिक कचरे के प्रवाह को रोकने के लिए उसकी खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं. इसका असर भी दिखने लगा है. प्रदेश की नदियां पिछले पांच वर्षों में साफ और अविरल हुई हैं. इसके साथ ही कई नदियों को पुनर्जीवित भी किया गया है. इसी कड़ी में जन्माष्टमी के अवसर पर नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत मथुरा को दो सीवेज परियोजनाओं की सौगात दी गई.
नालों का इंटरसेप्शन और डायवर्जनः मथुरा नगर पालिका को मथुरा वृंदावन नगर निगम (Nagar Nigam Mathura Vrindavan) में अपग्रेड किया गया है. जिससे शहर की सीमा का विस्तार हुआ है. ऐसे में जोन तीन में कोयला अलीपुर के ग्राम औरंगाबाद से होकर बहने वाले 3 नालों की टैपिंग की आवश्यकता को महसूस किया गया था. इसमें मथुरा जोन तीन (कोयला अलीपुर) और अंबखर ड्रेन (आंशिक रूप से) के शेष 3 नालों का इंटरसेप्शन और डायवर्जन किया जाएगा. जिसमें सीवेज पंपिंग स्टेशनों और 60 एमएलडी के नए एसटीपी का निर्माण भी शामिल है. इससे पहले शहर के करीब 20 नालों को टैप किया जा चुका है. वहीं मथुरा शहर का विस्तार होने पर 3 बड़े नालों की टैप करने की जरूरत महसूस की गई.
यमुना में गिरने वाले नालों को किया जाएगा डायवर्टःदो सीवेज परियोजनाओं की कुल लागत 282.42 करोड़ रुपए है. वहीं 15 वर्षों के रखरखाव के ऑपरेशनल एवं मेंटिनेंस कॉस्ट के 130.40 करोड़ रुपए है. इन परियोजनाओं को दो साल में पूरा करना होगा. इन परियोजनाओं की निगरानी के लिए यूपी जल निगम को जिम्मेदारी सौंपी गई है. जिससे तय समय में काम पूरा किया जा सके. इस परियोजना के पूरा होने से यमुना नदी में गिरने वाले प्रदूषित नालों को डायवर्ट किया जा सकेगा.