मथुरा: बैकुंठ एकादशी के अवसर पर उत्तर भारत के विशालतम रंगनाथ मंदिर में आयोजन किया गया. वर्षभर के बड़े उत्सवों में से एक बैकुंठ उत्सव के अवसर पर भगवान रंगनाथ बैकुंठ द्वार से निकलते हैं. हजारों भक्तों ने भगवान रंगनाथ के दर्शन किए और पुण्य लाभ कमाया.
- वृंदावन स्थित भारत के विशालतम रंगनाथ मंदिर में बैकुंठ उत्सव का आयोजन किया गया.
- मान्यता है कि इस दिन भगवान रंगनाथ के पीछे मुराद नाम का राक्षस पड़ गया था.
- राक्षस से बचने के लिए भगवान रंगनाथ बद्रीनाथ में तपस्या करने गए, लेकिन वहां भी इसने आतंक फैला दिया.
- राक्षस मुराद का वध करने के लिए भगवान ने अपने तेज से एक स्त्री को प्रकट किया और उससे राक्षस का वध करवाया.
- भगवान ने स्त्री को आशीर्वाद दिया कि आज के दिन जो भी भक्त व्रत करेगा उसे बैकुंठ की प्राप्ति होगी, तभी से वैकुंठ एकादशी पर्व मनाया जाने लगा.
- दूसरी मान्यता यह भी है कि भगवान रंगनाथ के अनन्य भक्त शठ कोप स्वामी को इस लोक पर ही रहने देने का आग्रह किया.